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रियो ओलंपिक: मुस्लिम लड़कियां भी किसी से काम नहीं, सऊदी की खिलाड़ी हिजाब पहनकर दौड़ी और रच दिया एक इतिहास

रियो: रियो ओलंपिक में पार्टिसिपेट कर सऊदी अरब की स्प्रिंटर करीमन अबुलजदायल ने एक नया इतिहास रच दिया है। 100 मीटर दौड़ में हिस्‍सा लेने वालीं करीमन सऊदी अरब की प‍हली महिला बन गईं। करीमन ने इस रेस में हिजाब पहन कर पार्टिसिपेट किया। 22 साल की करीमन प्रीलिमिनरी हीट में सातवें नंबर पर रहीं और फाइनल के लिए क्‍वालिफाई नहीं कर सकीं, लेकिन उन्होंने पूरी दुनिया में अपने फैन्स का दिल जीत लिया।

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करीमन के अलावा अफगानिस्‍तान की कामिया यूसुफी ने भी इस रेस में हिजाब पहनकर हिस्‍सा लिया लेकिन वे आखिरी नंबर पर रहीं। करीमन ने फुल बॉडी किट और हिजाब पहन रखी थी। करीमन की इस कोशिश के लिए सोशल मीडिया ने उनकी जमकर तारीफ की। करीमन से पहले साराह अत्‍तर पहली सऊदी ट्रैक एथलीट थीं, जिन्‍होंने 2012 ओलंपिक में हिजाब पहनकर दौड़ में हिस्‍सा लिया था। करीमन ने यह रेस 14.61 सेकंड में पूरी की। यह आंकड़ा वर्तमान वर्ल्‍ड रिकॉर्ड 10.49 सेकंड से काफी ज्‍यादा है। यह वर्ल्‍ड रिकॉर्ड अमेरिकन एथलीट फ्लोरेंस ग्रिफिथ जोयनर ने साल 1988 में बनाया था। हीं, अफगानिस्‍तान की यूसुफी ने 100 मीटर की रेस 14.02 सेकंड में पूरी की। यूसुफी हीट्स मुकाबलों में सबसे पीछे रहीं और फाइनल में जगह बनाने में नाकाम रहीं। साल 2012 में पहली बार सराह अत्तर और वोजडन शाहरकनी ने ओलंपिक में हिजाब पहनकर पार्टिसिपेट किया था।

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