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जानिए, आखिर इस्लाम में सूद (ब्याज) को क्यों हराम करार दिया गया है!!

इस्लाम पूरी तरह सिंद्धान्तों पर चलने वाला मजहब है इस मज़हब में हर एक जरुरत के लिए जगह दी गई है. इस्लाम के सिद्धान्त बहुत कठोर है। अगर आप मुस्लमान है तो तो आप को इस्लाम के सिंद्धान्तों को मानना बहुत जरुरी है। इस्लाम ने सूद (ब्याज ) को बर्जित करार दिया है। और एक बहुत बड़ा गुनाह (पाप) बताया है। जिसका हवाला इस्लामी किताब कुरआन में दिया गया है।

‘जो लोग सूद (ब्याज) का कारोवार करते है वह लोग क़यामत के दिन ऐसे उठेंगे जैसे वह शैतान के दीवाने हो फिर जो हश्र शैतान के साथ किया जायेगा वही हश्र सूद खाने वाले के साथ किया जायेगा।

सूद खाने वाले की मिशाल ऐसा दी है की जैसे उसने अपनी माँ (जननी) के साथ ज़िना (sex) किया हो।
जिनका हवाला कुरआन की इन सूरतों में दिया गया है।
सूरह बक़रह – 2:276
सूरह बक़रह – 2:278
सूरह बक़रह – 2:279

जाबिर राजिअल्लाहोअन्हो से नक़ल किया गया है क़ी रासूल्लाह सल्लाहोअलैह वसल्लम ने लानत की है और सूद के काम में किसी बी तरह से भागीदार व्यक्ति को बराबरी का हिस्सेदार वताया है।