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जानिए, कौन थे भारत के सबसे ज़्यादा क्वालिफाइड व्यक्ति

एक ही व्यक्ति डॉक्टर, वकील, एमबीए, पीएचडी, आईएएस, आईपीएस, एमएलए, मंत्री, पेंटर और फोटोग्राफर सब कुछ बन गया अपने 50 साल के जीवनकाल में. पढ़ाई के लिए ऐसा जूनून किसी दूसरे भारतीय में शायद ही देखा गया हो …. 20 डिग्रियां, 42 यूनिवर्सिटी परीक्षाएं … ज्यादातर में फर्स्ट क्लास या गोल्ड मैडल .

असंभव सा लगता है, लेकिन ये सब संभव कर दिखाया था एक भारतीय श्रीकांत जिचकर ने. आखिर तभी तो उनका नाम लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में “Most Qualified Indian’ के रूप में दर्ज है. श्रीकांत का जन्म 14 सितंबर 1954 को नागपुर में हुआ था. बेसिक शिक्षा के बाद उन्होंने एमबीबीएस व एमडी की डिग्री ली. इसके बाद एलएलबी, एलएलएम किया.

दूसरे किसी के लिए इतनी पढ़ाई पर्याप्त से भी अधिक थी पर श्रीकांत को इतने से संतोष नहीं था. उन्होंने MBA किया, पत्रकारिता में डिग्री ली फिर दस विषयों में एमए किया. संस्कृत विषय में डी.लिट्. की उपाधि ली जो किसी भी यूनिवर्सिटी द्वारा दी जाने वाली सर्वोच्च डिग्री मानी जाती है. कुल मिला कर 1973 से 1990 तक उन्होंने 42 विश्वविद्यालयीन परीक्षाएं दे डाली.

इसी बीच 1978 में वे आईपीएस के लिए चयनित हुए, लेकिन रिजाइन कर आये. 1980 में आईएएस के लिए चयनित हुए, लेकिन चार महीने बाद उसे भी छोड़ दिया. 1980 में ही महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव लड़ा और 25 साल की आयु में ही विधायक बन गए. इसके बाद उन्हें मंत्री भी बनाया गया. 12 साल महाराष्ट्र विधानसभा में रहने के बाद 1992 में वे राज्यसभा सांसद भी बने. 2 जून 2004 को एक कार दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के कारण उनका दुखद निधन हो गया. श्रीकांत जिचकर बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. वह एक अच्छे पेंटर, फोटोग्राफर और एक्टर भी थे. उनके पास लगभग 52000 किताबों की एक विशाल लाइब्रेरी थी. भारतीयों को उन पर हमेशा गर्व रहेगा