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प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही परिवार के सात सदस्यो की हत्या करने वाली शबनम की दया याचिका ख़ारिज, होगी फांसी

अमरोहा: प्यार की खातिर अपने मां-बाप सहित परिवार के 7 लोगों की हत्या करने वाली शबनम की दया याचिका को राष्ट्रपति ने ख़ारिज कर दिया। शबनम ने अपने बेटे का हवाला देते हुए फांसी की सजा माफ़ करने के लिए दया याचिका दी थी।

पिछले साल सितम्बर में यूपी के गवर्नर राम नाईक ने भी शबनम की दया याचिका याचिका ख़ारिज कर दी थी। शबनम और उसके प्रेमी सलीम को 15 जुलाई 2010 को अमरोहा के तत्कालीन जिला जज एए हुसैनी ने दोनों को फांसी की सजा सुनाई थी। जिसके बाद दोनों की फांसी की सजा को हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने भी बरकरार रखा था। मई में अमरोहा की कोर्ट ने डेथ वारंट जारी किया था. जिसके बाद उसने अपने बेटे ताज मोहम्मद का हवाला देते हुए माफ़ी की मांग की थी । लेकिन जब अब उसकी दया याचिका ख़ारिज हो चुकी है उसके बाद अब शबनम को फांसी दी जाएगी।

उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के बावनखेड़ी गांव की रहने वाली शबनम पर आरोप है कि उसने 14 अप्रैल 2008 में शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर रात में मां-बाप, दो भाइयों, दोनों भाभियों, फुफेरी बहन और सात महीने के भतीजे की हत्या कर दी थी । पेशे से शिक्षामित्र रही शबनम का सलीम नामक एक युवक से अफेयर चल रहा था लेकिन उसके घरवाले दोनों के प्यार के खिलाफ थे। जिसके बाद शबनम यह खौफनाक कदम उठाया। जिस समय शबनम में इस वारदात को अंजाम दिया उस समय वह प्रेग्नेंट थी। उसके बाद उसने जेल में ही बेटे को जन्म दिया।

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