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सलमान के ‘रेप’ पर दिए बयान पर इरफ़ान बोले, बॉलीवुड खामोश हैं क्यूंकि यहाँ सबको अपनी दुकान चलानी है

मुंबई: सलमान के बयान पर देशभर में खूब हल्ला मचा है. हंगामा मचता देख सलमान के पिता सलीम खान को माफी मांगनी पड़ी, वहीं अपनी सफाई में खुद सलमान ने कहा कि वह अब ज्यादा नहीं बोलेंगे, क्योंकि वह जब मुंह खोलते हैं को कुछ न कुछ विवाद खड़ा हो जाता है.

एक इंटरव्यू के दौरान सलमान से उनकी आने वाली फिल्म ‘सुलतान’ को लेकर सवाल किए जा रहे थे. और जब उनसे पूछा गया कि फिल्म के लिए कुश्ती सीखने में कितनी मेहनत लगी? सलमान खान के रेप वाले बयान पर बॉलीवुड खामोश है. इक्का-दुक्का कलाकारों छोड़ दें तो किसी ने आगे बढ़कर न तो सलमान का हाथ थामा और न ही खुलकर निंदा ही की.

बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता इरफान खान ने IBN7 के खास कार्यक्रम हॉट सीट में राजनीति, बॉलीवुड और समाज पर खुलकर बात की. इरफान खान ने बॉलीवुड में हर रोज हो रहे विवादों पर चुप्पी तोड़ी. सुपरस्टार सलमान खान के ओर से ‘रेप’ पर दिए गए बयान पर बॉलीवुड की चुप्पी पर इरफान खान ने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में सब को अपनी दुकान चलानी है.
इरफान ने कहा कि सलमान ने क्या कहा मुझे नहीं पता, किस अंदाज में कहा ये भी नहीं पता, लेकिन अगर सलमान को लगता है कि माफी मांगी जानी चाहिए तो वह मांगे न कि सोशल मीडिया के दबाव में ऐसा करें. इरफान ने कहा कि ‘सॉरी’ सिर्फ ऐसा शब्द बनकर रह गया है कि इसे कह देने से बात खत्म हो जाती है, लेकिन अगर कोई इसे जबर्दस्ती बोलता है तो इसका कोई मतलब नहीं रह जाता है.

इरफान खान का कहना है कि सोशल मीडिया पर फैलाया गया झूठ ज्यादा दिन तक नहीं टिकता है. उन्होंने कहा, सही बात ही आगे चलती है. इसीलिए किसी की बात सालों तक जिंदा रहती है. पूरी दुनिया उपभोक्तावाद की तरफ बढ़ रही है. हमने रिफ्लेक्ट करने के दरवाजे बंद कर दिए हैं. फिल्म अभिनेता ने कहा कि आज सेल्फी का भी मार्केट बन गया है. लोगों को तब तक संतुष्टि नहीं मिलती जब तक वह सेल्फी न ले लें. इंडस्ट्री में कलेक्टिव बॉडी है ही नहीं. साउथ की इंडस्ट्री ऑर्गेनाइज है, लेकिन बॉलीवुड में हर किसी को यह रहता है कि मेरा काम हो जाए बस… आग लगे बस्ती में, मैं मस्त रहूं मस्ती में… हमारे कंसर्न खत्म हो चुके हैं.

अपनी एक खास सोच और समझ रखने वाले इरफान ने कहा कि 50-60 के दशक में सिनेमा बनाने वाले लोग देश को लेकर चिंतित थे, लेकिन अब असलियत दिखाना छोड़ दिया है. उसके बाद सिनेमा नीचे की तरफ गया है. वास्तविकता से दूर होता गया और विश्वसनीयता हटती गई. अब तो हॉलीवुड हमारे सामने चैलेंज है. वह हमें निगल रहा है. हमारा यूथ फिल्में देखने के लिए तैयार है, लेकिन हमारे पास फिल्में नहीं हैं.

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