लंदन: भारत से बुरी तरह से 4-0 से सीरीज हारने के बाद इंग्लैंड के पूर्व कप्तान एलिस्टर कुक ने कप्तानी छोड़ दी है. पहले 2012 में जब एलिस्टर कुक कप्तान थे तब इंग्लैंड भारत से 2-1 से सीरीज जीत गयी थी. एलिस्टर कुक ने कप्तानी छोड़ने के बाद केविन पीटरसन (Kevin Pietersen) को टीम से बाहर किए जाने पर बयान दिया है जिससे काफी हंगामा हो रहा है. पीटरसन को निदेशक एंड्रयू स्ट्रॉस ने टीम से बाहर निकाला था.
केविन पीटरसन को 2014 में टीम से बाहर किया गया था, लेकिन एलिस्टर कुक अब तक इस पर चुप्पी साधे रहे, जबकि टीम की कप्तानी टेस्ट में लंबे समय तक उन्हीं के हाथ में रही. कप्तानी छोड़ने के बाद अब कुक ने इस मामले पर बयान दिया है. उन्होंने केविन पीटरसन को टीम से हटाए जाने के फैसले पर सवाल उठाते हुए इसे खेदजनक करार दिया है और इसके लिए अपने बोर्ड को जिम्मेदार ठहराया है. गौरतलब है कि पीटरसन को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 0-5 से एशेज सीरीज (Ashes Series) हारने के बाद टीम के निदेशक एंड्रयू स्ट्रॉस ने ‘विश्वास का भारी संकट’ बताकर टीम से बाहर निकाल दिया था.
केविन पीटरसन धमाकेदार अंदाज में बल्लेबाजी करते थे, लेकिन उनके व्यवहार को लेकर सवाल उठते रहे थे. यह माना जाता था कि उनके रिश्ते कप्तान एलिस्टर कुक से ठीक नहीं हैं. अब टेस्ट में इंग्लैंड को नई ऊंचाई तक पहुंचा चुके एलिस्टर कुक ने इस विवाद के लिए इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि इस विवाद को सही तरीके से संभाला नहीं गया था. उन्होंने यह भी कहा इस सबके लिए उनको जिम्मेदार ठहराया गया था, लेकिन इसमें उनका कोई रोल नहीं था.
डेलीमेल डॉट को डॉट यूके ने मंगलवार को कुक के हवाले से लिखा, ‘काश, इसे अच्छे तरीके से संभाल लिया गया होता. मेना मानना है कि इसे ईसीबी ने सही तरीके से नहीं संभाला. मैं जानता हूं कि सभी की निगाह में मैं खटक रहा था. हर किसी का मानना था कि यह मेरा फैसला था. मैंने अकारण ही सारे हमले झेले.’
इंग्लिश टीम की लंबे समय तक कप्तानी कर चुके कुक ने इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड को आड़े हाथों लेते हुए कहा, ‘मुझे लगता है कि ईसीबी ने उस दौरान मुझे थोड़ा नीचा दिखाया. उन्होंने सबकुछ मुझ पर थोप दिया, लेकिन, अब यह बीत चुका है.”
कुक ने कहा, “मुझे लगता है कि इस मामले को जिस तरह से संभाला गया उसका सभी को पछतावा है. जब एंड्रयू स्ट्रॉस बोर्ड में आए और यह फैसला लिया कि पीटरसन अब टीम में नहीं आएंगे, तब जाकर मामला थोड़ा आसान हुआ.”
भारत दौरे पर करारी हार से निराश कुक ने कप्तानी छोड़ने के फैसले पर कहा, “मेरे लिए यह मुश्किल रहा लेकिन मैंने जितना सोचा था, उससे थोड़ा आसान रहा. सबसे मुश्किल बात मेरे लिए अपने आप से यह कहना रही कि यह अब जाने का समय है क्योंकि यह बेहतरीन जिम्मेदारी थी, लेकिन आसान इसलिए लगा क्योंकि मुझे लगा कि मैं अपना काम कर चुका हूं.”