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मुआवज़े के नाम पर किसानों के साथ हो रहा है भद्दा मज़ाक

bjp government is making fun of farmers in india

चाहे वह मोदी सरकार हो या राज्य की सरकार हो किसानों के लिए कोई भी सरकार संजीदगी से काम नहीं करती है। देश के किसान जो बाढ़, सूखा और प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे हैं उनके साथ मुआवज़े के नाम पर मोदी सरकार भद्दा मज़ाक कर रही है।

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के बाद अब मध्य प्रदेश में भी किसानों के साथ सरकार ने मजाक किया है। जिस जगह से फरवरी 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लॉन्च की थी वहां किसानों से अच्छा खासा प्रीमियम लेने के बाद क्लेम के नाम पर प्रीमियम की सिर्फ़ 1-2 फीसदी रकम वापस लौटाई जा रही है।

मध्य प्रदेश के सिहोर जिले में सोयाबीन की फसल नष्ट होने पर 52 किसानों को कुल 3061.50 रुपए मुआवजे के तौर पर दिया गया है। ये सभी किसान जिले के तिलाडिया गांव के रहने वाले हैं। यह वही जिले हैं जहां के बुधनी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने हैं।

इन किसानों को इसका एक प्रमाण पत्र भी दिया गया है, जिस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर छपी है। किसानों में सबसे ज्यादा मुआवजा 194.24 रुपए नीला बाई को मिला है। यह मुआवजा 22 एकड़ में उगी सोयाबीन की फसल नष्ट होने पर दिया गया है।

रिपोर्ट में नीला बाई के हवाले से लिखा गया है, ‘हमने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 5220 रुपए प्रीमियम भरा था और हमें मुआवजे के तौर पर मात्र 194 रुपए मिले हैं। भगवान जाने इन लोगों ने यह आंकलन कैसे किया है।’

दूसरे किसान उत्तम सिंह की दो एकड़ में खड़ी फसल नष्ट हुई है, जिसके बदले उन्हें क्लेम में 17 रुपए मिले हैं । इन्होंने बीमा प्रीमियम के तौर पर 1342 रुपए जमा कराए थे। सिहोर की रेहती तहसील में बादामी देवी को मुआवजे के तौर पर मात्र 4.70 रुपए ही मिले हैं।

कर्ज़ माफी के नाम पर यूपी के किसानों की गरीबी का मज़ाक उड़ाया गया है । मथुरा के एक किसान का एक पैसे का कर्ज़ माफ किया गया है। जिसका उसको सर्टिफिकेट भी दिया गया है। यूपी में योगी सरकार द्वारा चलाई गई ऋण मोचन योजना के तहत उसका कर्ज माफ होना था। किसान का कहना है कि छह साल पहले पंजाब नेशनल बैंक से 1.55 लाख रुपये का कर्ज लिया था। नई योजना के तहत एक लाख का कर्ज माफ होना था लेकिन हुआ एक पैसे का।

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