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जानिये कैसे कर्नाटक के बाद अब इस जगह भी गिर सकती है बीजेपी की सरकार

आपको यह बात जानकर काफी हैरानी होगी कि मणिपुर में बीजेपी नीत गठबंधन सरकार को बहुत ही तगड़ा झटका लगा है. हम आपको बता दें कि वहां के वरिष्ठ स्वास्थय मंत्री के साथ-साथ कई अन्य मंत्रियों ने भी अपने पद से स्तीफा दे दिया है. इस्तीफा देने का कारण है मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह का कार्यो में हस्तक्षेप.

आपको बता दें कि एल. जयंतकुमार जो कि वरिष्ठ मंत्री हैं उनके पास स्वस्थ्य विभाग के साथ-साथ अन्य तीन विभाग भी थे. आपको बता दें कि मंत्री ने इस बात का आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री उनके कार्यों में गैरजरूरी तरीके से ही हस्तक्षेप करते हैं.

गुप्त सूत्रों से पता चला है कि इस राजनीतिक टकराव को रोकने के लिए मुख्यमंत्री नई दिल्ली पहुंच गए जहां पर उन्होंने पार्टी आलाकमान के साथ इस मुद्दे को भी लेकर चर्चा की. आपको बता दें कि स्वास्थय मंत्री ने खुद अपने पद से स्तीफा दिया था.

क्यों दिखाई मुख्यमंत्री ने ऐसी तानाशाही?

गौरतलब है की मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के पास कार्मिक मंत्रालय भी है और इसी हैसियत से उन्होंने जयंतकुमार से बिना पूछे स्वास्थ्य निदेशक ओकराम इबोमचा को निलंबित कर दिया था| निलम्बित करने का कोई ख़ास वजह नही था|

आपको बता दें कि जयंतकुमार नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के उन चार विधायकों में से एक हैं, जिन्होंने 15 मार्च को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार में मंत्री पद की शपथ ली थी|

क्या कहा गया है इस्तीफ़ा पत्र में?

इस्तीफा पत्र में कहा गया है कि उन्हें मंत्री बनाने के लिए वह मुख्यमंत्री के शुक्रगुजार हैं, लेकिन अपने काम में ‘दखलंदाजी’ के कारण वह अपने पद पर बने रहने में सक्षम नहीं हैं|

सूत्रों का कहना है कि एनपीपी के कुछ अन्य विधायक, जिन्हें मंत्री बनाया गया है, वो भी अपने विभाग को लेकर नाखुश हैं|

उरीपोक से एनपीपी विधायक तथा पूर्व पुलिस महानिदेशक वाई.जॉयकुमार कथित तौर पर गृह मंत्रालय चाहते थे, जो उग्रवादग्रस्त मणिपुर में महत्वपूर्ण है|

लेकिन मुख्यमंत्री ने गृह विभाग अपने पास रखा है| जॉयकुमार राज्य के उपमुख्यमंत्री हैं|

बीजेपी गठबंधन सरकार के मंत्रिमंडल ने 15 मार्च को शपथ ली थी| बीजेपी, एनपीपी, नागा पीपुल्स फ्रंट, एलजेपी तथा कांग्रेस (पाला बदलने वाले) के नौ विधायकों का मंत्रिमंडल में शामिल किया गया|

23 मार्च को तीन अन्य ने मंत्री पद तथा 12 अन्य ने संसदीय सचिव के रूप में शपथ ली थी| गौरतलब है कि पार्टी में इस तरह की तानाशाही के चलते मंत्रियों ने इस्तीफ़ा दिया|