नई दिल्ली: सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अब हर पाँच साल पे नोट बदले जायेंगे. दूरदराज़ के इलाक़ों के लिए पोस्ट ऑफ़िस और बैंकिंग कॉरेस्पॉंडेन्स जैसी सुविधा शुरू कर दी गई है ताकि गांव में रहने वाले लोगों को परेशानी ना हो.
उधर शहरों में बैंक और पोस्ट ऑफ़िस के सामने लगी क़तारें नौवें दिन भी कम होती नहीं दिख रहीं. सरकार की सबसे बड़ी परेशानी ये है कि देश के दो लाख एटीएम को रिकैलिब्रेट यानी नए नोटों के मुताबिक चालू करने में कम से कम दो महीने लग जाएंगे.
हालांकि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस काम की समय-सीमा एक महीना तय की है. गृह मंत्रालय की बैठक में इन सब मुद्दों को लेकर चर्चा हुई. तवज्जो इस बात पर दी गई कि इस दौरान हालात को कैसे क़ाबू में रखा जाए.
एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक़ सरकार का मानना है कि काला बाज़ार ज़्यादातर 500 और 1000 रुपये के नोट से भरा हुआ है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़ औसतन 16 लाख करोड़ का काला धन फ़िलहाल सर्कुलेशन में है. आकलन के मुताबिक़ इसमें से 3-4 लाख करोड़ ख़त्म हो जाएगा लेकिन बाक़ी का पैसा बैंकों में आ जाएगा. इसीलिए नोटबंदी सरकार के लिए फ़ायदेमंद है.