AAJ News India – Hindi News, Latest News in Hindi, Breaking News, हिन्दी समाचार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 72वें स्वतंत्रता दिवस को बताया 52वां स्वतंत्रता दिवस, देखें वीडियो

जैसा कि आप सब जानते हैं कि बकवास करने में हमारे देश भारत के प्रधानमंत्री नरेंंद्र मोदी का कोई तोड़ नहीं है. हम आपको बता दें कि नरेंद्र मोदी अपने उल्टे पुल्टे भाषणों और ऊटपटांग बयानों के लिए जाने जाते हैं.

जो मुंह में आता है, उसको बक देते हैं बिना ये ख्याल रखे हुए कि अब वो आरएसएस के प्रचारक नहीं रहे बल्कि अपने देश के प्रधानमंत्री बन चुके हैं.

कई लोगों को यह लगता है कि नरेंद्र मोदी गांजे का सेवन करते हैं और उसी के ओवरडोज की वजह से अनर्गल बातें बोल जाते हैं लेकिन इसमें सच्चाई कितनी है, ये तो मोदी हीं बता सकते हैं.

हालांकि गांजे का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है. अगर हमारे प्रधानमंत्री जी गांजा पीते हैं तो हम अपील करेंगें कि इसे तत्काल छोड़ दें क्योंकि आप देश के लिए बहुत कीमती हैं.

1. पलट कर रख दिया आजादी का इतिहास

कुछ दिन पहले तक गटर से गैस निकाल कर चाय बनाने की तकनीक ईजाद करने वाले पीएम मोदी ने आज भारत की आजादी का इतिहास हीं पलट कर रख दिया.

लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कह दिया कि आज हम भारत का 52वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं.

अब कौन समझाने जाए मोदी को कि आज 52वां नही बल्कि 72वां स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं. इसके पहले उन्होंने भारत में 600 करोड़ वोटर होने की बात विदेशी मंच पर कहकर भारत की खूब बेइज्जती करवाई थी.

2. झुठला दिया विश्व स्वास्थ्य संगठन का विश्लेषण

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में चल रहे स्वच्छ भारत मिशन पर अपनी रिपोर्ट जारी करते हुए कहा था कि भारत में चल रहा सफाई अभियान सिर्फ दिखावे का अभियान है.

अगर इसे सही तरीके से जमीन पर उतारा जाए तो भारत के करीब 03 लाख बच्चे कुपोषण से मुक्त हो सकते हैं.इस रिपोर्ट में घालमेल करते हुए मोदी ने बिना मंच की गरिमा का ध्यान रखे कह दिया कि

आज हमारी सरकार के प्रयासों की वजह से हमने भारत के 03 लाख बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराया है. हैरानी की बात तो यह रही कि मोदी ने इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट तक करार दे दिया.

हम सब जानते हैं कि मोदी ने और उनके मंत्रियों ने किस तरह स्वच्छ भारत मिशन का मजाक बना कर रख दिया है. साफ सुथरी जगहों पर झाड़ू लगाने से देश कितना साफ हो जाएगा, ये आप सब खुद जानते हैं.

देखें वीडियो:-

निष्कर्ष:

प्रधानमंत्री का आचरण और व्यक्तव्य उनकी गरिमा के अनुरुप नहीं है. उन्हें हर हाल में इसका ख्याल रखना हीं होगा. सवाल देश की प्रतिष्ठा का है.