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यह ट्वीट करने के बाद बुरी तरह से फंसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नोटबंदी हुई पूरी तरह से नाकाम

आप सोच रहे होंगे कि 8 नवंबर तो बीत गई. एक दिन बाद वो सरकार लीला याद दिलाने का क्या मतलब? तो भैया ये स्टोरी 8 नवंबर का पूरा दिन बीतने के बाद ही हो सकती थी. पूरे दिन इंतजार किया कि पीएम नरेंद्र मोदी नोटबंदी की सफलता की देश को बधाई देंगे.

नरेंद्र मोदी

एक भाव विभोर कर देने वाला ट्वीट करेंगे. क्योंकि देश को समर्पित की हुई छोटी से छोटी चीज का वो उल्लेख ट्वीट्स में करते हैं. सरकार को जहां जरा सा क्रेडिट मिलने की गुंजाइश होती है, वो कभी पीछे नहीं रहते. यहां तक कि विदेश भ्रमण के दौरान भी वहां की भाषा में ट्वीट करते हुए अपने देशवासियों को अपडेट करते रहते हैं. इस बार पूरा सात नवंबर बीत गया.

फिर वो ऐतिहासिक तारीख आठ नवंबर भी आकर चली गई. पीएम मोदी ने काले धन के खिलाफ अपना महायज्ञ मेंशन करना स्किप कर दिया. देश ने सात नवंबर से ही घंटे मिनट गिनने शुरू कर दिए थे. कि अब पीएम मोदी देश के नाम ट्वीट करेंगे. दो साल पहले लाइन में लगे लोगों को बधाई देंगे काले धन से महायुद्ध करने के लिए.

सभी बैंक कर्मचारियों को बधाई देंगे जिन्होंने अपनी छुट्टियां मरवाकर 24-24 घंटे काम किया. ताकि लोगों को कैश की आपूर्ति कर सकें. लोगों के पुराने नोट बदल सकें. लोग इंतजार कर रहे थे कि पीएम फिर से एक बार देश को संबोधित करेंगे और काले धन को बाहर निकाल फेंकने के लिए जनता का आभार व्यक्त करेंगे. लेकिन उन्होंने न कोई ट्वीट किया न वॉइस मैसेज, न वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग. हां, वरिष्ठ बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी का ये वाला जन्मदिन जरूर स्पेशल रहा क्योंकि उन्हें पीएम मोदी ने दो बार 7 नवंबर को और एक बार 8 नवंबर को बड्डे विश किया. 8 नवंबर को तो बाकायदा उनके घर जाकर विश किया. आडवाणी जी को हैप्पी बड्डे लेकिन पीएम नोटबंदी को कैसे भूल गए?

लालकृष्ण आडवाणी का ये बड्डे खास रहा

नोटबंदी का ऐलान करने वाले स्वयं पीएम मोदी थे. दो साल बाद वो किसी भी तरह से उसका नाम नहीं लेते हैं. अलबत्ता वित्तमंत्री जरूर सफाई देते हुए अखबारों में लेख छपवा रहे हैं कि नोटबंदी से टैक्स कलेक्शन बढ़ गया है.

काला धन कंट्रोल में आ गया और पता नहीं क्या क्या. जबकि देश को ये भी नहीं पता कि नोटबंदी होने वाली है ये उनको पता था कि नहीं पता था. बीजेपी खुद नोटबंदी को लेकर जरा सा भी उत्साहित नहीं थी इस बार. पिछले साल यानी 2017 में नोटबंदी को एक साल पूरा होने पर ‘काला धन मुक्ति दिवस’ सेलिब्रेट किया गया था. ताकि नोटबंदी की निगेटिव इमेज को तोड़ा जा सके. इस साल उसकी भी हिम्मत नहीं पड़ी. वो सब तो खैर छोड़ दिया जाए, जब नोटबंदी का ऐलान करने वाले पीएम उसके बारे में कुछ बोल नहीं रहे तो बाकी लोगों की बातें कैसे ऑथेंटिक मानी जाएं?

चलते चलते एक और बात बता दें जो कि पीएम के न किए गए ट्वीट से ज्यादा फैक्चुअली करेक्ट है. नोटबंदी की दूसरी बरसी की पूर्वसंध्या पर कैशलेस इकॉनमी और काले धन जैसी बातों का मजाक उड़ाती साढ़े सात करोड़ रुपए की बेनामी करेंसी पकड़ी गई है. हैदराबाद टास्क फोर्स और सफेदाबाद पुलिस ने चार लोगों के साथ इतनी बेनामी रकम पकड़ी है. ये सब हालांकि ये बात नहीं मनवा सकते कि नोटबंदी फेल थी. लेकिन पीएम का ट्वीट न करना सच में हिम्मत तोड़ देता है. और हां. इस वक्त मार्केट में नोटबंदी के पहले से ज्यादा रकम का कैश है.

fake notes

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