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पीएम नरेन्द्र मोदी का ‘मेक इन इंडिया’ प्रोजेक्ट खतरे में, डोनाल्ड ट्रम्प के ऐलान से

pm modi in danger with the announcement of donald trump

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मेक इन इंडिया की वजह से बाहर के लोग इसका फायदा उठाना चाहते हैं और बहुत सारे अमेरिकी लोग भारत में अपनी फक्ट्रियां लगाना चाहते हैं. कारोबार को लेकर इस समय सबकी नज़र भारत पे टिकी हुई है.

आपको बता दें कि इस समय ऐपल जैसी कई बड़ी कंपनियां चीन में अपने प्रोडक्ट्स बनाती हैं. लेकिन वहां धीरे धीरे अब लागत बढ़ रही है ऐसे में ऐपल की नजर भारत पर भी है. हाल ही में आई कई खबरों के मुताबिक फॉक्सकॉन 2020 तक भारत में कई फैक्ट्री और डेटा सेंटर बना सकता है.

लेकिन अब अमेरिका के अगले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ऐलान के बाद पीएम मोदी के मेक इन इंडिया को झटका लग सकता है.

अमेरिका प्रेसिडेंट चुनाव कैंपेन के दौरान ट्रंप ने कहा था कि ऐपल को अपने प्रोडक्ट्स अमेरिका में ही बनाने को कहा जाएगा. अब ट्रंप ने यह साफ कर दिया है कि अमेरिकी कंपनियां अगर दूसरे देशों में प्लांट्स लगा कर प्रोडक्ट्स को अमेरिका में बेचेंगी तो उन्हें 35 फीसदी से ज्यादा टैक्स देने होंगे. ट्रंप ने एक साथ कई ट्वीट किए हैं जिसमें ऐसी कंपनियों के लिए सख्त बाते की हैं.

हालांकि डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ट्वीट में यह भी कहा है कि बिजनेस के लिए टैक्स और रेग्यूलेशन को कम किए जाएंगे, लेकिन यह वैसी कंपनियों के लिए लागू नहीं होगा जो अमेरिका को छोड़कर दूसरे देशों में फैक्ट्रियां बना रही हैं और फिर अपने प्रोडक्ट्स वापस अमेरिका में बेच रही हैं.

बता दें कि इससे पहले भी डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि दूसरे देशों में अपने सामान जैसे कार और एसी जैसे प्रोडक्ट्स बना कर बेचने वाली कंपनियों पर 35 फीसदी ज्यादा टैक्स लगाया जाएगा.

दरअसल भारत इनफॉर्मेशन टेक्नॉलोजी और सॉफ्टवेयर के मामले में तेजी से बढ़ रहा है. कई अमेरिकी कंपनियां अपने सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के लिए भारतीय फर्म पर निर्भर हैं. अगर डोनाल्ड ट्रंप अपनी 35 फीसदी टैक्स बढ़ाने वाली पॉलिसी लाते हैं तो इससे भारत के सॉफ्टवेयर सर्विस एक्सपोर्ट सेक्टर को नुकसान होने की उम्मीद हैं जो लगभग 89 बिलियन डॉलर का है. इंडिया के सॉफ्टवेयर सबसे ज्यादा अमेरिका और कनाडा में एक्सपोर्ट किए जाते हैं.

इतना तो साफ है कि इससे अमेरिकी कंपनियों खासकर टेक्नॉलोजी जगत पर इसका खासा असर पड़ेगा और जाहिर है इससे मेक इन इंडिया पर भी असर पडेगा. मौजूदा समय में कई कंपनियों की नजर भी भारतीय बाजार पर है.

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