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स्मृति इरानी ने राहुल गांधी के बारे में कही इतनी गिरी हुई बात कि अब उनको नरेंद्र मोदी भी नहीं बचा सकते

हम आपको बता दें कि नरेंद्र मोदी की ख़ास और केंद्र की कैबिनेट में सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी और विवादों का नाता बहुत पुराना है. हम आपको यह भी बता दें कि स्मृति ईरानी कभी डिग्री विवाद पर तो कभी लोकसभा सीटें से हारने के बाद अपने बेतुके बयानों को लेकर वो आए दिन सुर्ख़ियों में छाई रहती हैं.

स्मृति राहुल के खिलाफ़ अमेठी से हारी थी लोकसभा चुनाव 

जी हाँ केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी जबसे अमेठी से राहुल गाँधी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ते हुए हारी है तबसे ही अभी तक वो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी पर लगातार निशाना साधती रहती है.

राहुल गाँधी की प्रभाव और बदलाव को लेकर स्मृति करना

चाहती है बहस

इसी आरोप-प्रत्यारोप के बीच अब केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने हाल ही में कोलकाता के एक सत्र में जब कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि, “वो राहुल गाँधी की प्रभाव और बदलाव को तभी मानेगी जब खुद राहुल उनसे आकर बहस करे.”

राहुल के बल को देख चिंतित है बीजेपी

बता दें कि ईरानी ने ये जवाब सत्र में पूछे गए उस सवालों पर दिया जब उनसे पूछा गया था कि..

“राहुल गाँधी के पक्ष में जो राय बदल रही है ? क्या ये बीजेपी के चिंता का विषय की बात है.”

स्मृति ने जताई राहुल से बहस करने की इच्छा 

 

इसका जवाब देते ईरानी ने कहा कि..

“मुझे लगता है कि व्यक्ति की वास्तविक क्षमता का लोगों को तब पता चलेगा जब वह किसी बहस के मंच पर पहुंचते हैं.”

आगे बोलते हुए उन्होंने कहा कि..

“राहुल गांधी को एक मंच पर आना चाहिए. देश के किसी भी हिस्से में बहस के लिए, किसी भी मंच पर बीजेपी से किसी भी व्यक्ति को चुन लें, फिर देखते हैं कि किसमें कितनी क्षमता है.”

सत्ता ने बीजेपी के मंत्रियों को कर दिया है अंधा

अपने अहम में अंधी हो चुकी बीजेपी और उनके मंत्री जब इस तरह का बेबुनियाद बयान देते हैं तो इसका सीधा-सीधा मतलब ये ही नज़र आता है कि किसी भी पार्टी और विपक्षी नेता की काबिलियत मापने का मीटर केवल बीजेपी और उनके मंत्री के पास है. जो सिर्फ वो ही तय करेगी की कौन कितना काबिल है.

लोगों ने स्मृति की निकाली अकड़

स्मृति के इस बयान पर जनता ने उनको आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ईरानी को ऐसा बयान देने से पहले अपने उन सभी मंत्रियों से बात करनी चाहिए जो आये दिन सविंधान को बदल देंगें, मुसलमानों को इस देश में रहने का कोई अधिकार नहीं वो पाकिस्तान चले जाये, ताज महल मकबरा नहीं मंदिर है जैसे अपने बेतुके बयान देकर देश में विवाद पैदा करने का काम करते है.