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यूपी में हाई अलर्ट पे हैं 7 राज्य, ग़ायब हैं 80 सिमी आतंकी

लखनऊ (वेब डेस्क)। आतंकी संगठन सिमी(स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया) के आतंकी कभी भी हमला कर सकते हैं। इसको लेकर सुरक्षा बढ़ा दी गयी है और पूरा यूपी हाई अलर्ट पे है।

भारतीय सेना के पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी कैंपों पर सर्जिकल स्ट्राइक के बाद बारामूला में बीएसएफ हेडक्वार्टर पर आतंकी हमला को सेना की कार्रवाई के बाद बदले के रूप में देखा जा रहा है। इस आतंकी हमले को लेकर केन्द्रीय खुफिया एजेंसियो से लेकर उत्तर प्रदेश के इंटेलीजेंस को भी सतर्क कर दिया है। सर्वाधिक खतरा उत्तर प्रदेश से गायब सिमी के 80 आतंकियों से है।

केन्द्र से मिले अलर्ट के बाद खुफिया एजेंसियो की नजर सिमी के इन्हीं लापता आतंकियों पर है, जो संगठन के बैन होने के बाद से ना तो पकड़े ही गए और ना ही किसी वारदात में उनका नाम सामने आया। इस अलर्ट के बाद यूपी के अंदर बैठे इन आतंकियों के मददगारों पर पुलिस ने निगाह गढ़ा दी है।

भारतीय सेना ने 29 सितंबर की रात पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में बड़ी सजकता से आतंकियो के सात कैंपों पर सर्जिकल स्ट्राइक की। सेना के इस मिशन ने सीमा पार से एक बड़े मंसूबे को फेल कर दिया। इसके बाद भी अभी खतरा अभी टला नहीं है। बर्बाद हुए कैंपों का बदला आतंकी किसी भी कीमत पर लेना चाहेंगे।

कश्मीर में चार दिन पहले बारामूला में बीएसएफ के राष्ट्रीय राइफल्स के हेडक्वार्टर पर हुआ हमला इसी बदले की कोशिश थी। लिहाजा अब देश की तमाम सुरक्षा एजेंसियां भी हाई अलर्ट पर हैं।

आईबी ने साफ तौर पर कहा है कि सिमी के जो आतंकी बीते कई सालों से अंडरग्राउंड हैं, जिनके बारे में यूपी पुलिस और उसकी इंटेलीजेंस को कोई सुराग तक नहीं है वो अब नया खतरा बन गए हैं। लिहाजा उनकी तलाश तेज की जाए।

उनके मददगारों पर नजर रखी जाये। वैसे भी 2002 में प्रतिबंध लगने के बाद सिमी ने नया चोला ओढ़कर कर नाम इंडियन मुजाहिदीन रख लिया है। जिसने 2005 तक देश में लगातार विस्फोट कराये और उसके बाद अब उसके तमाम लोग स्लीपिंग माड्यूल की तरह काम कर रहे हैं। जिसकी बानगी दो वर्ष पहले बिजनौर में एक घर के अंदर विस्फोट के बाद सामने आई थी।

पाकिस्तानी नागरिक भी अब सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर

सिमी के साथ ही करीब दस वर्ष पहले क्रिकेट मैच देखने के नाम पर वीजा लेकर भारत आये पाकिस्तानी नागरिक भी अब सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर हैं। यह लोग भारत आये तो लेकिन वापस नहीं गए। इनकी संख्या करीब 400 के करीब है। रिकॉर्ड दर्शाते हैं कि पासपोर्ट लेकर आये पाकिस्तानियों से देश को खतरा कम ही रहा है। हमेशा वारदातों में वही आतंकी पकड़े गए जिन्होंने नेपाल या बंग्लादेश के जरिए फर्जी पासपोर्ट बना कर घुसपैठ की थी।

अब दो तरह से लोग भारत के भीतर खतरा बन गए हैं। बदली परिस्थितियों में दोनों ही खतरा बन गए हैं। लिहाजा सतर्क रहने की बेहद जरूरत है। बीते कुछ वर्ष में उत्तर प्रदेश गुजरात और मध्य प्रदेश पुलिस के हत्थे सिमी के तमाम आतंकी पकड़े गए, लेकिन सिमी चीफ सफदर नागौरी समेत करीब 70 सिमी माड्यूल अभी भी लापता हैं।

जिनके बारे में यूपी इंटेलीजेंस के पास कोई जानकारी नहीं है। इनके साथ ही 400 से अधिक लापता पाकिस्तानी नागरिकों ने इस वक्त मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।

उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड आर्डर वैसे दलजीत चौधरी ने बताया कि इस मामले के बाद से उत्तर प्रदेश पुलिस बेहद सर्तक है। हम प्रदेश की सीमा के साथ ही अंदर भी लगातार निगरानी में लगे हुए हैं।