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ईवीएम मशीन में गड़बड़ी होने का मिल गया सुबूत, ईवीएम मशीन बनाने वाली कम्पनी ने किया बेहद सनसनीखेज़ ख़ुलासा


आप सबको यह तो मालूम होगा ही कि ईवीएम मशीन यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को लेकर राजनीति में बवाल मचा ही रहता है।  आपको बता दें कि ईवीएम हैक हो सकती है या नहीं के सवाल को लेकर विपक्षी दलों और चुनाव आयोग में खींचतान चलती रहती है।

ईवीएम सुरक्षित होने का दावा करने वाले चुनाव आयोग ने अपनी इज़्ज़त बचाने के लिए दिखावटी कार्यक्रम भी रखे हैं। वैसे तो इस क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि दुनिया में कोई भी कंप्यूटर यंत्र ऐसा नहीं जो हैक नहीं किया जा सकता।

लेकिन ईवीएम को लेकर सब चुप हैं शायद इस लिए क्यूंकि समय नाज़ुक है।

1. बनाने वाली कम्पनी ने कबूला हैक हो सकती है ईवीएम मशीन

अमेरिका की इलेक्शन सिस्टम एंड सॉफ्टवेयर नाम की कंपनी ने कबूल किया है कि ईवीएम हैक हो सकती है। कंपनी का कहना है कि इस मशीन को रिमोट के जरिये कंट्रोल किया जा सकता है।

इतना ही नहीं कंपनी ने ये बात भी स्वीकार की है कि रिमोट से कण्ट्रोल की जा सकने वाली ये मशीनें चुनाव में इस्तेमाल की गयीं थीं।

2. सॉफ्टवेयर की मदद से चलता था रिमोट

कंपनी ने बताया है कि ईवीएम को काबू करने वाला रिमोट हर मशीन के साथ नहीं चलता था। रिमोट सिर्फ उसी मशीन के साथ काम करता था जिसमें एक ख़ास सॉफ्टवेयर इनस्टॉल किया गया हो।

इस सॉफ्टवेयर का नाम pcAnywhere था। हालाँकि सॉफ्टवेयर का आधिकारिक तौर पर इस्तेमाल अब कंपनी ने बंद कर दिया है। इस सॉफ्टवेयर को बंद करने के पीछे की वजह बताते हुए कंपनी ने हैकिंग अटैक बताया है।

3. 60 फीसद ईवीएम इसी कंपनी से ली जाती हैं

चुनावों के लिए ईवीएम मुहैया करवाने वाली ये कंपनी अमेरिका की टॉप कंपनियों में से एक है। यही वजह है कि कंपनी को सबसे ज्यादा ईवीएम मशीनें सप्लाई करने का अधिकार मिल पाया।

हैक किये जा सकने वाले सॉफ्टवेयर के बारे में खुलासा कंपनी ने एक और नामी कंपनी को लिखे गए पत्र में दिया है। मदरबोर्ड नामक एक वेबसाइट ने इस बात का भी दावा किया है कि इसके पास वह पत्र भी मौजूद हैं, जिसमें कंपनी ने ये बात कबूल की है।

4. भारत को ईवीएम सप्लाई नहीं करती ये कंपनी

हैक की जा सकने वाली ईवीएम चुनाव के लिए भेजने वाली यह कंपनी अमेरिका में होते चुनावों के लिए मशीनें मुहैय्या करवाती है। कंपनी भारत में ईवीएम नहीं बेचती है और न ही किसी और तरीके से मुहैय्या करवाती है।

अमेरिका में साल 2006 में हुए इलेक्शंस में इस्तेमाल की गयीं 60 %मशीनें इसी कंपनी ने दी थीं।

निष्कर्ष:

अमेरिका जैसे देश में लोगों से ईवीएम के जरिये धोखाधड़ी हो सकती है। सोचिये उस देश में क्या नहीं हो सकता जहाँ जुमलों से बहलाकर लोगों का वोट लिया जा सकता हो।