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आजमगढ़ में दो संप्रदायों के बीच संघर्ष के बाद अब शांति, इंटरनेट सेवाओं पर बैन

आजमगढ़: आजमगढ़ में शनिवार को दो संप्रदायों के बीच हुए संघर्ष के बाद अब वहां शांति है। बलवा करने के इल्जाम में 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

इलाके में बड़े पैमाने पर पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती कर दी गई है और दो दिन के लिए इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी गई है, क्योंकि कुछ लोग वाट्सअप के जरिये अफवाह फैलाकर माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे थे। 11 मई को आजमगढ़ के खुद्दारपुर इलाके मे एक लड़की के साथ हुई कथित छेड़खानी के बाद दो पक्षों में संघर्ष हुआ लेकिन पुलिस ने समझा-बुझाकर मामला शांत कर दिया था, लेकिन शनिवार को कुछ शरारती लोगों के उकसाने की वजह से दोनों पक्ष फिर भिड़ गए।

मारपीट, पथराव और आगजनी हुई। पुलिस ने बलवाईयों को काबू में करने के लिए लाठीचार्ज और हवाई फायर किए। पुलिस के एक सीओ के हाथ में भी बलवाईयों की गोली लगी, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। रविवार को इलाके में बीजेपी के पूर्व सांसद रमाकांत यादव पहुंचे, जिनके जाने के बाद छिटपुट हिंसा में एक शख्स के पेट में गोली लगी और दो दुकानें जला दी गईं। सोमवार को हालात का जायजा लेने और आगे की प्लानिंग के लिए वहां यूपी के एडीजी (लॉ एण्ड ऑडर), आईजी (क्राइम), आईजी जोन और तीन डीआईजी पहुंचे। वहां यूपी पुलिस के साथ बड़े पैमाने पर पैरामिलिट्री फोर्स तैनात कर दी गई है, जिसने इलाके में फ्लैग मार्च किया।

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