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कश्मीरी पंडितो का खुले दिल से स्वागत, कॉलोनी और टाउनशिप का विरोध: अलगाववादी समूह

जम्मू कश्मीर: कश्मीर घाटी में पूर्व सैनिकों और कश्मीरी पंडितों के लिए प्रस्तावित अलग टाउनशिपों के मुद्दे को लेकर हुरियत कांफ्रैंस के दोनो गुटों सहित विभिन्न अलगाववादी समूह एकजुट हो गए हैं। इस सिलसिले में अलगाववादी नेताओं ने ‘सैनिक और पंडित कॉलोनी’ के मुद्दे पर संयुक्त सैमिनार आयोजित किया।

सैमिनार का आयोजन दौरान हुरियत (जी) चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी, हुरियत कांफ्रैंस (एम) चेयरमैन मीरवायज उमर फारुक और जे.के.एल.एफ. प्रमुख मोहम्मद यासीन मलिक द्वारा संयुक्त तौर पर किया गया था। उन्होने इसे कश्मीर विरोधी नीतियां करार देते हुए कहा था कि वह इन कश्मीर विरोधी नीतियों का सामूहिक और एकजुट कार्यक्रम के माध्यम से विरोध करेंगे।

सैमिनार को संबोधित करते हुए गिलानी ने कहा कि कश्मीर में भारतीय सुरक्षाबलों का कब्जा वास्तविक मुद्दा है। भारत कश्मीरियों के मुख्य मुद्दे से ध्यान को हटाने के लिए विवादित मुद्दों को उठा रहा है जिसके कारण वह यहां उनके कब्जे को मजबूत कर रहा है। गिलानी ने कहा कि पूर्व सैनिकों के लिए कॉलोनियों की स्थापना का कोई कारण नहीं है, क्योंकि सेवा को पूरा करने के बाद हर कोई उनके घरों में रहना पसंद करता है। कश्मीरी पंडितों को समाज का अभिन्न हिस्सा करार देते हुए गिलानी ने कहा कि हम पंडित भाइयों का घाटी में वापसी और उनके पैतृक स्थानों में रहना का हमेशा स्वागत करते हैं लेकिन हम राज्य प्रशासन को उनके लिए अलग टाउनशिपों की स्थापना की इजाजत नहीं देंगे। उन्होने कहा कि यह धर्म के नाम पर कश्मीरियों को विभाजित करने के साथ साथ घाटी में मुसलमानों को बदनाम करने की साजिश है। भारत कश्मीरियों के आजादी आंदोलन में सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश कर रहा है।

इस दौरान सैमिनार को संबोधित करते हुए मीरवायज ने कहा कि कश्मीर में सैनिक, पंडित कॉलोनियों की स्थापना एक इसराइल नीति है। भारत कश्मीरियों को अपने ही राष्ट्र में बेघर करने की कोशिश कर रहा है। इसी तरह फिलिस्तनीयिों को बेघर किया गया है। लोगों से आजादी समर्थक नेताओं के संयुक्त कार्यक्रमों का पालन करने की अपील करते हुए मीरवायज ने कहा कि सरकार की योजनाओं और नीतियों को हराने के लिए आवाज उठाई जाएगी लेकिन पवित्र रमजान महीने के दौरान सिर्फ लोग समर्थक कार्यक्रमों की घोषणा की जाएगी। मीरवायज ने सैनिक, पंडित कॉलोनियों की स्थापना और नई औद्योगिक नीति को कश्मीर विरोधी करार देते हुए कहा कि हमें एकजुट होना चाहिए और सरकार की कश्मीर विरोधी नीतियों को हराने के खिलाफ लडऩा चाहिए।

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