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यूरोपियन यूनियन से अलग हुआ ब्रिटेन, प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देंगे कैमरन

लंदन: ब्रिटेन के यूरोपीय संघ (ईयू) में रहने या इसे छोड़ने का फैसला करने वाले ऐतिहासिक जनमत संग्रह में लाखों ब्रितानियों की ओर से मतदान कर दिए जाने के बाद इस समय पूरे देश में मतगणना चल रही है और अभी आखिरी नतीजा नहीं आया है।

इस बीच, ब्रिटिश मीडिया के हवाले से बड़ी खबर यह आ रही है कि जनमत संग्रह में ब्रिटेन यूरोपियन यूनियन से अलग हो गया है। जनमत संगह के अब तक प्राप्‍त नतीजों के अनुसार ज्‍यादातर लोगों ने ब्रिटेन के ईयू से अलग होने की राय दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आधी से ज्‍यादा जनता ईयू से अलग होने के पक्ष में हैं। बीबीसी के अनुसार, अब तक घोषित हो चुके 70 प्रतिशत चुनावी नतीजों को ‘ब्रेग्जिट’ के पक्ष में बताते हुए कहा है कि यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर होने के पक्षधर खेमे ने इस ब्लॉक में बने रहने के पक्षधर खेमे पर चार प्रतिशत की बढ़त हासिल कर ली है। ओपिनियन पोल में इस मुकाबले में ‘कांटे की टक्कर’ रहने की भविष्यवाणी की गई थी और अब वह सही साबित हुई है। अभी तक घोषित 70 प्रतिशत नतीजों में ‘लीव’ अभियान ने 52 प्रतिशत मत हासिल किए हैं जबकि ‘रिमेन’ खेमे के पक्ष में 48 प्रतिशत वोट आए हैं।

प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से अलग होने के बाद शुक्रवार को कहा कि वह अक्टूबर तक पद छोड़ देंगे। कैमरन ने ब्रेक्सिट नतीजों के बाद डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर कहा, ‘‘ब्रिटेन के लोगों ने दूसरा रास्ता चुना है। इसलिए उन्हें नया प्रधानमंत्री चुनने की जरूरत है।’’ नतीजों के तुरंत बाद लेबर पार्टी के हिलेरी बेन ने कहा कि इस तरह की परिस्थितियों में कैमरन के लिए पद पर बने रहना बहुत मुश्किल है। बेन ने एक बयान में कहा, ‘‘यदि आप प्रधानमंत्री हैं। आपने जनमत संग्रह का आह्वान किया। आपने अपनी प्रतिष्ठा दांव पर रखी है। मुझे लगता है कि यह बहुत मुश्किल होने जा रहा है।’’

कैमरन ने कहा कि वह ‘‘अपने सिद्धांतों को लेकर बहुत स्पष्ट हैं कि ब्रिटेन यूरोपीय संघ के भीतर मजबूत, सुरक्षित और बेहतर है। मैंने बहुत स्पष्ट किया था कि यह जनमत संग्रह सिर्फ इसके बारे में है न कि किसी नेता के बारे में।’’ उन्होंने कहा कि वह आगामी महीनों में प्रधानमंत्री के रूप में सब कुछ करेंगे। उन्होंने कहा,‘‘लेकिन मुझे नहीं लगता कि इस स्थिति में देश की बागडोर संभाले रहना मेरे लिए उचित होगा। मेरा विश्वास है कि स्थिरता लाना देश हित में है और इसके लिए एक नए नेतृत्व की जरूरत है।’’

हालांकि, उन्होंने देश के नए प्रधानमंत्री द्वारा पद संभालने के लिए समय निर्धारित नहीं किया। उन्होंने कहा, ‘‘आज सटीक टाइमटेबल की जरूरत नहीं है। मेरे विचार में हमें अक्टूबर में कंजरवेटिव पार्टी के सम्मेलन से पहले नया प्रधानमंत्री नियुक्त करने का लक्ष्य रखना चाहिए।’’

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