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सलाम: बारहवीं की छात्रा वंदना ने कर दिया कमाल

नई दिल्ली: वंदना के पिता परिवार में अकेले कमाने वाले है। जिनकी कोई फिक्स इनकम नहीं हैं। वह सुबह घर से इस उम्मीद में निकलते हैं कि आज कम से कम इतना तो कमा लूं कि मेरे परिवार का पेट भर जाये।

ऐसी गरीबी में पली- बढ़ी वंदना कुमारी ने 12वीं में टॉप करके के यह दिखा दिया कि कड़ी मेहनत से कुछ भी हासिल किया जा सकता हैं। स्वरूपनगर की रहने वाली वंदना ने 12वीं में एक सरकारी स्कूल में पढ़कर साइंस स्ट्रीम में 93 परसेंट अंक प्राप्त किये। वंदना के पिता लेबर का काम करते हैं जो मुश्किल से अपने परिवार को दो वक़्त की रोटी खिला पाते हैं। वंदना अपने 12वीं में मेडिकल एग्जाम के लिए कोचिंग लेना चाहती थी। लेकिन पैसो की तंगी की वजह से वह कोचिंग नहीं कर पाई।

वंदना कुमारी ने अपने जुझारूपन से और कड़ी मेहनत से घर पर पढाई की और टॉप किया। वंदना का सपना डॉक्टर बनाने का है और शायद यह सपना ही रह जायेगा क्योकि पिता की कमाई इतनी नहीं है कि उसे आगे पढ़ा पाए। ऐसे में बिना किसी हेल्प के डॉक्टर बनने का ख्वाब नामुमकिन सा नजर आ रहा है।

वंदना का स्कूल घर से 12 किमी दूर है। वंदना को पता था कि स्कूल काफी दूर है। इसके लिए वह हर रोज सुबह 5:30 बजे स्कूल के लिए निकल जाती थी। इतनी जल्दी स्कूल जाने की सिर्फ एक वजह थी कि वह 12 किलोमीटर का लम्बा सफ़र पैदल ही तय कर सके क्योकि उसके पास बस के किराये के पैसे नहीं होते थे। परिवार में कई दिक्कतों और परेशानियों के बाद भी वंदना कुमारी ने 12वीं में फिजिक्स में 95, केमिस्ट्री में 95, इंग्लिश में 93, मैथ्स में 91 और बायॉलजी में 91 मार्क्स हासिल किए हैं। वंदना को आपकी मदद की जरूरत है।

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