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9/11 के हमलों के बाद अमेरिका में इस्लाम विरोधी भावना में हुआ 500 प्रतिशत का इज़ाफ़ा: द बरेज इनिशेटिव

वाशिंगटन: अमेरिका में इस्लामोफोबिया पर नजर रखने वाली एक वेबसाइट ‘द बरेज इनिशेटिव ‘ के अनुसार, राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान अमेरिका में खतरनाक हद तक इस्लाम विरोधी भावना में वृद्धि देखने में आ रहा है। कई रिपोर्टों के अनुसार 9/11 के हमलों बाद से इस समय मुसलमानों के खिलाफ अपराधों में 500 प्रतिशत का इज़ाफ़ा हुआ है।मार्च 2015 के से मुसलमानों के खिलाफ 180 अपराध रिपोर्ट किए जा चुके हैं, इनमें 12 हत्या, 34 शारीरिक हमले, 49 ज़ुबानी बद तमिज़ी जबकि 56 हमले, मस्जिदों और धार्मिक निर्माण तोड़फोड़ के थे।

द काउंसिल ऑफ अमेरिकन इस्लामिक रिलेशंस ‘से संबंध रखने वाली पाकिस्तानी मूल खोला हदीद के अनुसार ‘ ‘अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान इस्लाम विरोधी भावना बहुत बढ़ गए हैं। हर दूसरे दिन कोई न कोई इस्लाम विरोधी अपराध की खबर आती है। ” खोला कहती हैं कि सैन ब्रांडीनो की घटना हो या ओरलैंडो नाइट क्लब की भयानक घटना हर बार मुस्लिम समुदाय एक भय का शिकार हो जाती है और ऐसा नहीं है कि बाकी लोग इस बात को समझते नहीं हैं, कानून परीवर्तन एजेंसी भी सतर्क हो जाते हैं कि मुसलमानों को घृणित अपराध का निशाना बनाया जा सकता है। खोला हदीद कहती हैं, ” कई रिपोर्टों के अनुसार नाइन इलेवन के बाद से इस समय मुसलमानों के खिलाफ अपराधों में 500 गुना वृद्धि हुई है। अब मस्जिदों में ताले लगाए जाते हैं, मस्जिदों में कभी कोई घृणित पत्र फेंक दिए जाते हैं, कभी कोई धमकी दे दी जाती है और वैसे व्यक्ति जो जाहिरा तौर पर मुस्लिम पहचान रखते हैं उन्हें भी निशाना बनाया जाता है। एक वेबसाइट ‘टोपी हर्ट्स डॉट नेट’ पर वह सभी घटनाओं के विवरण हैं, जिनमें मुसलमानों या इस्लामी केंद्र और मस्जिदों को निशाना बनाया गया है। ”

खोला के अनुसार इस समय अमरीका में जो परस्पर क्रिया है इस में मस्जिदों और धार्मिक संस्थाओं को ही समस्या करार दिया जा रहा है और राजनीतिक नेता ऐसी बातें कर रहे हैं कि मुसलमान विरोधी भावनाओं को बढ़ा रहे हैं। गौरतलब है कि ओरलैंडो घटना के बाद राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर मुसलमानों को निशाना बनाया था जिसके बाद राष्ट्रपति ओबामा ने एक भाषण में ऐसे सभी व्यक्तियों की गंभीर आलोचना किया था जो खुलेआम मुसलमानों के खिलाफ बयान दे रहे हैं। खोला कहती हैं कि जब भी कोई आतंकवादी घटना घटित होती है तो अमेरिका के शक्तिशाली इस्लामी संस्था इकट्ठे हो जाते हैं और मिलकर इस घटना की निंदा करते हैं और अमेरिकी जनता के साथ एकजुट हो जाते हैं और स्पष्ट किया जाता है कि इस्लाम आतंकवाद की अनुमति नहीं देता। ओरलैंडो घटना का उदाहरण देते हुए खोला ने बताया कि इस घटना के बाद अमेरिका के एक सौ से अधिक इस्लामी संस्थाओं ने मिलकर एक बयान जारी किया था और ओरलैंडो हमले की तीव्र शब्दों में निंदा की थी।

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