जैसा कि आप सब जानते हैं कि हमारे पूरे देश भारत में योग को एक अलग ही अहमियत दी जा रही है। यही कारण है कि दुनियाभर में लोग योगा के प्रति पहले से काफी ज्यादा जागरूक हो गए हैं।
कहने को तो सालों से योग भारत में मौजूद है लेकिन इससे पहले लोगों द्वारा इतने बड़े स्तर पर योगा के कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया गया था।
लेकिन वहीं अब हर साल दुनिया भर में 21 जून को अंतराष्ट्रीय योग दिवस के रुप में मनाया जाता है।
योग गुरु बाबा रामदेव द्वारा किया जा रहा धांधली का कारोबार
योगा को इतने बड़े स्तर पर मान्यता मिलने के बाद से ही योग से जुड़े लोग व गुरु लोग भी सभी की नजरों में आए हैं लेकिन जब बात होती हैं योग गुरु की तो सबसे पहले नाम तो योग गुरु बाबा रामदेव का ही आता है।
आज रामदेव न केवल अपने योग से पहचाने जाते हैं बल्कि आयुर्वेद उत्पाद बेचकर आज उन्होंने करोड़ो का करोबारा खड़ा कर लिया है। रामदेव के पंतजलि ब्रांड से जुड़ी खास बात हम यहां आपको बता दें…
गलत तरीके से करोड़ों की कमाई को अब 10,000 करोड़ से भी आगे ले जाने की चाहत
जहां एक तरफ बाबा रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद ट्रस्ट का टर्न ओवर 5000 करोड़ पहुँच गया है और इस कारोबार को 10,000 करोड़ से भी आगे ले जाने की बात कही जा रही है वहीं अब यह सामने आया है कि बाबा द्वारा दूसरी कंपनी के घटिया सामान को अपने नाम और ब्रांड की दम पर बेचकर भोली भाली जनता को खुलेआम बेवकूफ बनाया जा रहा हे जिसके लिए हरिद्वार की लोकल कोर्ट ने उनके ऊपर 11 लाख का जुर्माना भी ठोंका है।
जब दूसरी ब्रांडिंग के प्रोडक्ट रामदेव ने बेचे पंतजलि के नाम पर
दरअसल मामला 2012 में हुई जिला खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्यवाही के दौरान का है जब अगस्त 2012 मे दिव्य योग मंदिर के पतंजलि स्टोर पर छापा मारकर बाबा के द्वारा अति प्रचारित कच्ची घानी के सरसों के तेल, नमक, बेसन, शहद और अन्नानास जैम के 4-4 नमूने लिए गए थे और रुद्रपुर प्रयोगशाला की जांच रिपोर्ट मे पूरी तरह असफल पाए गए थे। इन उत्पादों का निर्माण रामदेव द्वारा न करके दूसरे किसी कंपनी के सामान पर ही अपने नाम से बेचे जाने का खुलासा हुआ था।
जांच के दौरान पकड़ी गई गलती लगाया गया भारी जुर्माना
जिसके लिए बाबा रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद ट्रस्ट की पाँच उत्पादन इकाइयों की भी जांच कराई गयी थी और उत्पादो का कहीं और बनाया जाना पाया गया जिसके लिए रामदेव को मिस ब्रांडिंग का दोषी पाया गया।
इस पूरी धांधली के जवाब मे पतंजलि ट्रस्ट द्वारा परिवाद भी किया गया और कई दावे भी पेश किए गए जो बेबुनियाद पाए गए और इस पर कार्यवाही के तहत ए डी एम वित्त ललित नारायण मिश्रा की अदालत द्वारा पतंजलि आयुर्वेद पर 11 लाख का जुर्माना लगाया गया।
समाज हित की बातें करने वाले रामदेव बाबा का काला कारोबार
इस मामले पर लगाया गया जुर्माना एक महीने के भीतर ही भरने की बात कही गयी थी अन्यथा इसकी वसूली भू राजस्व की तरह की जाएगी।
इस तरह के कार्य वास्तव मे बहुत खतरनाक है क्योंकि एक तरफ बाबा रामदेव समाज और देश हित की बातें करके जनता को आकर्षित करने की कोशिश करते हैं और दूसरी और मिलावटी और घटिया सामान इन बातों मे लपेटकर भोली भाली जनता के जीवन से खिलवाड़ कर एक दोहरे चरित्र की कहानी को दिखाते हैं।
जनता को है ऐसे पाखंडी से सावधान होने की जरुरत
आशा है कि जनता इस बात से सबक लेकर भविष्य मे ऐसे लोगों को अपने जीवन और जज़्बात से खेलने नहीं देगी जिन्होंने साबित कर दिया है कि उनके लिए धंधा ही सबसे ऊपर हे और धंधे के लिए किया गया हर काम सही चाहे वो किसी निर्दोष की जान से समझौता करना ही क्यों न हो।