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जानिए, एक ऐसी महिला जिसने बिना मेडिकल इलाज के चौथे स्टेज पर पहुंचे कैंसर से पाया छुटकारा

अनियमित खानपान और अस्‍वस्‍थ दिनचर्या के कारण दिन-प्रतिदिन कैंसर के मरीजों की संख्‍या लगातार बढ़ती जा रही है। कैंसर अगर शुरूआती स्‍टेज में हो तो इसका उपचार आसान माना जाता है, लेकिन अगर यह चौथे यानी लास्‍ट स्‍टेज में पहुंच जाये तो उपचार बहुत मुश्किल और दर्दनाक होता है। क्‍योंकि इस स्‍टेज में कीमोथेरेपी और सर्जरी से मरीज का उपचार किया जाता है।

लेकिन प्रकृति में हमारे आसपास कई ऐसे आहार मौजूद हैं जिनके सेवन से कैंसर के लास्‍ट स्‍टेज में पहुंचने के बाद भी बिना सर्जरी और कीमोथेरेपी के कैंसर को दूर किया जा सकता है। ऐसी ही एक मिसाल पिछले दिनों सामने आयी जो चौंकाने वाली थी।

एन कैमरून (Ann Cameron) एक ऐसी महिला हैं जो कैंसर के लास्‍ट स्‍टेज तक पहुंच गईं थी। ऐसे में उनके सामने केवल एक ही रास्‍ता था कीमोथेरेपी। लेकिन उन्‍होंने कीमोथेरेपी न करवाकर अपने लिए दूसरा रास्‍ता ईजाद किया और कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी को आसानी से हरा दिया। जीं हां, भले ही यह बात आपको अजीब लगे लेकिन एन कैमरून ने रोज एक लीटर गाजर का जूस पीकर कैंसर को मात दी।

कैंसर का इलाज

एन कैमरून ने बताया है वो रोजाना एक लीटर गाजर के जूस का सेवन करके कैंसर के चौथे स्‍टेज से बचने में सफल हुई हैं। कैमरून के अनुसार, “2013 में उन्हें कोलोन कैंसर का पता चला। डॉक्टर ने उन्हे कीमोथेरेपी कराने के सलाह दी थी।” कैमरून बताती है कि इसके साथ डॉक्टर ने ये भी कहा था कि इससे आपको शायद थोड़े समय का जीवन मिल सकता है पर आप पूरी तरह से ठीक नहीं हो सकतीं। इसलिए उन्होंने कीमोथेरेपी कराने से मना कर दिया।

कैंसर की वजह से अपने पति को खो चुकी कैमरून पहले से ही कैंसर से जुड़े घरेलू उपायों का प्रयोग कर चुकी थीं। लेकिन फायदा नहीं मिल रहा था। कैमरून ने ऑनलाइन कैंसर के इलाज के विकल्प ढूंढे। इसी रिसर्च के दौरान उन्होंने ने पढ़ा कि राल्प कोले (Ralph Cole) नामक व्यक्ति ने लिखा था कि अपनी दोस्त की पत्नी की सलाह पर उसे 2.25 किलो गाजर का जूस पीना शुरू किया जिससे उसे काफी लाभ हुआ। कैमरून इस लेख से काफी प्रभावित हुई। उन्होंने भी ऐसा ही करना तय किया। वो 8 सप्ताह तक रोजाना 2.25 किलो गाजर के जूस का सेवन करती रहीं। जिससे उनके ट्यूमर का बढ़ना बंद हो गया। 13 महीने बाद उनका कैंसर पूरी तरह से ठीक हो गया। तब उन्हें पता चला कि उनको चौथे स्टेज का कैंसर था।

कैंसर में किस तरह से काम करती है गाजर

ब्रिटेन स्थित न्यू कैसल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक इसमें मौजूद पॉलीएसिटिलीन को ट्यूमर के विकास पर लगाम लगाने और कैंसर कोशिकाओं का खात्मा करने में खासा असरदार पाया गया है। गाजर में कई विटामिन्स और मिनरल्स होते हैं। साथ ही, इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट्स बीटा-कैरोटिन, अल्फा कैरोटिन, कैल्शियम, विटामिन ए, बी1, बी2, सी और ई भी होते हैं।

ये सभी विटामिन्स और मिनरल्स शरीर को कई फायदे पहुंचाते हैं, जैसे यह स्किन को हेल्दी रखते हैं और हड्डियों को मजबूत करते हैं। स्टडी बताती है कि गाजर खाने से लंग कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर और कोलोन कैंसर होने का खतरा कम होता है। गाजर में फैलकारिनॉल और फैलकैरिन्डियॉल होता है। ये एंटी-कैंसर प्रॉपर्टीज हैं, जिनसे कैंसर नहीं होता। गाजर में पाए जाने वाला एसिड ट्यूमर को रोक सकता है। गाजर में अम्ल रेटिनॉइक एसिड महिलाओं में स्तन कैंसर की कारक कोशिकाओं में होने वाले शुरूआती बदलाव को रोक सकता है।आपको भी कैंसर न हो इसके लिए पहले ही तैयार रहें, यानी हेल्‍दी और पौष्टिक खायें, नियमित व्‍यायाम करें और समय-समय पर शरीर के लिए जरूरी जांच करायें और डॉक्‍टर से सलाह लेते रहें।

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