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बाबरी मस्जिद केस: हाशिम अंसारी की वसीयत के अनुसार मंदिर-मस्जिद दोनों ही बने, अब बेटे इक़बाल करेंगे पैरवी

अयोध्या: 65 साल से मस्जिद की पैरवी कर रहे हाशिम अंसारी का कल अयोध्या में 95 साल की उम्र में निधन हो गया। हाशिम के मरने से मामला खत्म नहीं होगया । वे वसीयत करके गए हैं जिसमे दौनो पक्ष अदालत के बाहर आपसी समझौते से मंदिर और मस्जिद दौनो का निर्माण करें ।

हाशिम अपने जिस बेटे को इस मामले की पैरवी करने की वसीयत करके गए हैं, उसका कहना है कि वह अदालत के बाहर आपसी समझौता चाहता है। हाशिम 65 साल तक लड़े। लड़ते-लड़ते सो गए, लेकिन लड़ाई बेनतीजा रही। अपने आखिरी दिनों में वह कोई ऐसा समझौता चाहते थे, जिसमें मंदिर-मस्जिद दोनों बनें। पिछले दिनों उन्होंने कहा था, ‘अब हमसे देखा नहीं जाता है कि रामलला टेंट में रहें। अदालत के बाहर समझौते का ही कोई तरीका निकालना होगा।’

हाशिम मंदिर-मस्जिद मामले में पैरवी के लिए अपने बेटे इकबाल के नाम वसीयत कर गए हैं। इकबाल अब उसे आगे बढ़ाएंगे। इकबाल कहते हैं, ‘वैसे तो बात चल रही है सुलह-समझौते की… जिसमें कि हिन्दू-मुसलमान का सौहार्द बना रहे। यह फैसला ऐसा हो कि हिन्दू-मुसलमान के माफिक हो.. कोई लड़ाई-झगड़ा न हो। यही इनकी ख्वाहिश है… वही काम हम भी करेंगे।’

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