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भारत का मुसलमान पहले हिन्दुस्तानी है और बाद में कुछ ओर, किसी को हमारी वतनपरस्ती पर सवाल खड़े करने का हक नहीं: पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी

नई दिल्ली: उत्तराखण्ड और उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी ने मुसलमानों की वतनपरस्ती की दुहाई देते हुए उन्हें जनसंख्या के आधार पर नौकरियों में आरक्षण की मांग की. कुरैशी ने यहां एक मुस्लिम शैक्षणिक संस्था में छात्रों के सम्मान समारोह में कहा, ‘‘हम भारतीय प्रशासनिक सेवाओं में नहीं बल्कि तृतीय और चतुर्थ श्रेणी में अपनी आबादी के अनुपात में आरक्षण की मांग कर रहे हैं.

क्या हमें अपने मुल्क में सिपाही, क्लर्क और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बनने तक का हक नहीं है. पूर्व राज्यपाल ने कहा कि चाहे अकबर से बहादुरशाह जफर तक का कालखण्ड हो या वीर अब्दुल हमीद से लेकर राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम तक का दौर हो, इस मुल्क का इतिहास मुसलमानों के जिक्र के बगैर नहीं लिखा जा सकता. मुल्क की आजादी में मुसलमानों का भी खून शामिल है. अजीज ने आगे कहा कि भारत का मुसलमान पहले हिन्दुस्तानी है और बाद में कुछ और. किसी को हमारी वतनपरस्ती पर सवाल खड़े करने का हक नहीं है. इस मुल्क के गद्दारों की सूची में मुसलमानों का नाम शामिल नहीं है. आतंकवाद के नाम पर मुसलमानों को नीचा दिखाने की हिमाकत नहीं की जानी चाहिए.उन्होंने कहा कि देश की अन्तिम पक्ति में बैठा हुआ शख्स भी उतना ही वतनपरस्त है जितने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी.

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