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साहा: चुना गया भुवनेश्वर पिच को देखकर

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कोलकाता:
 भारत वर्सेस न्यूज़ीलैंड टेस्ट मैच का परिणाम भारत के पहली पारी के 316 रन के जवाब में न्यूजीलैंड की टीम दूसरे दिन 128 रन पर सात विकेट गंवाने के बाद संकट में थी. टीम अब भी 188 रन से पिछड़ रही है.
भारतीय विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा ने कहा कि भुवनेश्वर कुमार को ईडन गार्डन्स की घास वाली पिच को ध्यान में रखते हुए टीम में शामिल किया गया था और इस तेज गेंदबाज ने उम्मीदों पर खरा उतरते हुए न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे क्रिकेट टेस्ट की पहली पारी में पांच विकेट चटकाकर टीम पर शिकंजा कस दिया.
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भारत की पहली पारी में नाबाद 54 रन बनाने वाले साहा ने दिन के खेल के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा, ‘‘हम स्थिति के अनुसार अपनी टीम तैयार करते हैं. उमेश यादव पिछले मैच में खेले थे लेकिन हमने सोचा कि यहां विकेट सीम गेंदबाजी के अनुकूल होगा इसलिए भुवी को टीम में शामिल किया गया.’’ बारिश के कारण ढाई घंटे खेल रूका रहा और अंतिम सेशन का खेल दूधिया रोशनी में खेला गया. साहा ने कहा कि इससे भारत को फायदा हुआ.

साहा ने कहा, ‘‘दूधिया रोशनी में मूवमेंट अधिक थी. दूधिया रोशनी में देखने की क्षमता पर असर पड़ता है. भुवी और मोहम्मद शमी ने अच्छी लाइन और लेंथ के साथ गेंदबाजी की. हम कल सुबह उन्हें जल्द से जल्द आउट करना चाहेंगे.’’

पिछले महीने वेस्टइंडीज में पारी में पांच विकेट चटकाने वाले भुवनेश्वर को कानपुर टेस्ट की टीम में शामिल नहीं किया गया था लेकिन उन्होंने आज मजबूत वापसी करते हुए अब तक न्यूजीलैंड की पहली पारी में अब तक 33 रन देकर पांच विकेट चटकाए हैं. ईडन की दोबारा बिछायी गई नई पिच पर पहले मैच के संदर्भ में साहा ने कहा, ‘‘कुछ गेंदें नीची रह रही थी जबकि कुछ में अतिरिक्त उछाल था. मैंने शायद यहां एक या दो मैचों में इस तरह की पिच देखी है. यह नतीजा देने वाली विकेट है जो दोनों टीमों के लिए अच्छा है.’’ भारत ने दिन की शुरूआत सात विकेट पर 239 रन से की जिसके बाद जडेजा और साहा ने 41 रन की साझेदारी की.

साहा ने कहा, ‘‘टीम बैठक में हमारी योजना थी कि हमारी साझेदारी आगे बढ़े और पारी 300 रन से आगे जाए. जडेजा और शमी के अच्छे योगदान से ऐसा संभव हो पाया.’’ उन्होंने कहा, ‘‘निचला क्रम हो या शीर्ष क्रम हम रन बनाने के लिए हमेशा योजना बनाते हैं. अगर निचले क्रम के बल्लेबाज रन बनाते हैं तो इससे मनोबल बढ़ता है और टीम को मदद मिलती है.’’

साहा ने कहा, ‘‘विकेट से सीम गेंदबाजों को मदद मिल रही थी. हमने बाउंड्री लगाने और स्ट्राइक रोटेट करने की योजना बनाई अन्यथा हम 250 से 260 के पार भी नहीं जा पाते. हम कमजोर गेंदों पर रन बटोरना चाहते थे.’’

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