जैसा कि आप सब जानते हैं कि जैसे ही चुनाव आने वाले रहते हैं वैसे ही सारे नेता चौकन्ने हो जाते हैं और वह गलियों में, नुक्कड़ों पर और अलग-अलग इलाकों में नज़र आने लगते हैं। यह वही नेता हैं जो कभी पांच साल में बाहर लोगों के बीच नहीं जाते हैं। जैसे ही चुनाव आते हैं वैसे ही यह नेता जनता से लम्बे चौड़े वादे करने लगते हैं और वोट पाने की हर मुमकिन कोशिश करते हैं और इतना गिर जाते हैं कि लोगों का वोट पाने के लिए जनता को पैसा तक देते हैं। चुनाव जीतने के बाद नेता सारे वादे भूल जाते हैं और ग़ायब हो जाते हैं।
इसके अलावा चुनाव के दौरान जब ये नेता लोग जनता के बीच रैलियां करते है तो ऐसे-ऐसे वादे करते है जैसे कि, जनता को लगता है कि, इस बार अगर यह नेता जीत गया तो हमारे देश को यह सोने की नगरी बनाकर रख देगा।
लोकसभा चुनावों के समय भी हुआ था जब गुजरात के तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव जीतने के लिए जनता के बीच जाकर लोगों से वादे किये थे। वादे भी ऐसे किये थे कि, जैसे की सबने यही समझ रखा था कि, अब इस देश के अच्छे दिन शुरू होने वाले है। लेकिन जैसे धीरे-धीरे जैसे ही वक़्त बीतता चला गया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादे खोखले और जुमले नजर आने लगे और उन वादों में ज़रा भी सच्चाई नजर नहीं आ रही थी। मोदी जी ने तो देशवासियों को ऐसे सपने दिखाए थे कि, नरेंद्र मोदी इस बार फिर से हिन्दुस्तान को सोने की नगरी बनाकर रख देंगे।