जयपुर: दिल्ली के मुख्यमंत्री तथा आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने आठ लाख करोड़ रुपये के घोटाले को छुपाने के लिये नोटबंदी की है.
केजरीवाल ने जयपुर के रामलीला मैदान में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मित्र और बड़े लोगों के ऋणों को माफ करने के लिये नोटबंदी का निर्णय लिया है. मोदी अब 8 लाख करोड़ रुपये के अन्य ऋण माफी के बारे में सोच रहे हैं.
उन्होंने दावा किया कि नरेंद्र मोदी सरकार ने शराब माफिया विजय माल्या का 1200 करोड़ रुपये का ऋण माफ किया गया और मोदी सरकार की ओर से मिली पनाह के कारण ही नाकाबंदी होने के बावजूद माल्या विदेश भागने में कामयाब हो गया. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माल्या को विदेश भगाने के लिए रुपये का लेन देन किया है. जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उस दौरान बिड़ला और सहारा पर आयकर विभाग के छापे डाले गये और भारी तादाद में धन मिला लेकिन जांच अभी भी लंबित है.
उन्होंने आरोप लगाया कि दस्तावेजों से पता चला है कि बिड़ला ने 25 करोड़ में से 12 करोड़ की रिश्वत दी है. वहीं सहारा ने 40 करोड़ की रिश्वत का भुगतान किया है. प्रधानमंत्री ने उद्योगपतियों को करोड़ों रुपये के ऋण माफ कर दिये हैं, जबकि देश के गरीब किसान और छोटे उद्योग चलाने वाले को कोई सहायता नहीं मिली है. वास्तव में नोटबंदी का उद्योगों पर विपरीत असर पड़ा है.
आप संयोजक ने सुझाव दिया कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कालाधन वापस लाने और भ्रष्टाचार को खत्म करना है तो उन्हें देश के उन 648 लोगों को गिरफ्तार करना चाहिए जिनके खाते स्विस बैंक में हैं. इन 648 लोगों में देश के बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी, अनिल अंबानी और नरेश गोयल शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि क्यों गरीब आदमी अपनी लड़की की शादी ढाई लाख रुपये में करे और मोदी के दोस्त की शादी समारोह में 500 करोड़ रुपये खर्च किये जाये. उन्होंने कहा, ‘मैंने एक शोध कर केन्द्र सरकार के नोटबंदी की अवधारणा को समझा है. भ्रष्टाचार और कालाधन प्रणाली से बिल्कुल खत्म नहीं हुए हैं. लोग पहले एक हजार रुपये में रिश्वत ले रहे थे और अब दो हजार रुपये में रिश्वत ले रहे हैं, जिसका संकलन और अधिक आसान है. नोटबंदी से केवल आम आदमी की मुश्किलें बढ़ी हैं जो एटीएम की कतार में खड़ा है.’