नई दिल्ली: ‘अर्थक्रांति’ नाम के संगठन के संस्थापक अनिल बोकिल का कहना है कि पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को नोटबंदी पर हमने जैसा सुझाव दिया था, वैसा लागू नहीं किया गया. अनिल बोकिल का कहना है कि उन्होंने ही सरकार को नोटबंदी का सुझाव दिया था. उनका कहना है कि सरकार ने नोटबंदी का सुझाव मान तो लिया लेकिन पूरे तरीके से नहीं माना. उनका कहना है कि वह पीएम मोदी से फिर मुलाकात करेंगे.
मुंबई मिरर के हवाले से जनसत्ता ऑनलाइन में छपी खबर के मुताबिक, अनिल बोकिल का कहना है कि उन्होंने जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मीटिंग की थी और नोटबंदी का सुझाव दिया था. लेकिन सरकार को जो कुल पांच पॉइंट उन्होंने बताए थे, सरकार ने उनमें से सिर्फ दो को ही लागू किया और यही वजह है कि लोगों को परेशानी हो रही है.
अनिल ने बताया कि उन्होंने कहा था कि सरकार को नोटबंदी के साथ-साथ केंद्र और राज्य द्वारा लगाए गए टैक्स को भी हटा देना चाहिए और बैंक द्वारा लिए जाने वाले ट्रांसेक्शन टैक्स, लीगल लिमिट को भी हटाने का सुझाव दिया था. अनिल ने बताया कि 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी. वह मुलाकात तकरीबन 2 घंटे चली थी. उनकी टीम में 16 कमेटी सदस्य हैं.
बता दें कि 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 रुपए और 1000 रुपए के नोट बंद कर दिए थे. कालेधन पर लगाम लगाने के लिए लिए गए इस फैसले के बाद बैंकों और एटीएम के बाहर लोगों की भीड़ है और नकदी संकट के चलते नकद निकासी की सीमा निर्धारित करनी पड़ी है.
कौन हैं अनिल बोकिल.. क्या करती है इनकी संस्था..
महाराष्ट्र के अनिल बोकिल कालाधन के खिलाफ लंबे समय से मुहिम चला रहे हैं. उनका दावा है कि उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात कर उन्हें बताया था कि कैसे एक झटके में काले धन के मुद्दे पर कुछ समय के लिए काबू पाया जा सकता है. बोकिल महाराष्ट्र के औरंगाबाद हैं और अर्थक्रांति नाम की संस्था चलाते हैं. वे कुछ समय से 1,000 और 500 के नोटों पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी कर रहे थे. संस्था का दावा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में 95 प्रतिशत हिस्सा 500, 1000 और 100 रुपये का है जबकि देश के आम आदमी की औसत आय केवल 150 रुपये प्रतिमाह है. ऐसे मे ज्यादा बड़े नोटों का प्रयोग केवल काला धन जमा करने के लिए होता है. यह काला धन बनाने और बढ़ाने में सहायक है.