आप यहाँ पर हैं
होम > इंडिया (India) > जब ईवीएम मशीन पर लग गया पूरी तरह से प्रतिबन्ध तो बीजेपी में मचा ज़बरदस्त हड़कंप

जब ईवीएम मशीन पर लग गया पूरी तरह से प्रतिबन्ध तो बीजेपी में मचा ज़बरदस्त हड़कंप


जैसा कि आप सब जानते हैं कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है जहां चुनावों में अब पूरी तरह ईवीएम मशीन का इस्तेमाल होता है. वैसे तो हाल में हुए चुनावों के बाद ईवीएम मशीन पर कई तरह के सवाल खड़े किए जा चुके हैं.

evm machine ईवीएम मशीन banned

वहीं अब तृणमूल कांग्रेस समेत 17 राजनीतिक दलों की बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग लेकर चुनाव आयोग से संपर्क करने जा रहे हैं. ऐसा तब है जब कई देश भारत द्वारा तैयार किए गए ईवीएम मशीन से अपने यहां चुनाव करवा रहे हैं या चुनाव करवाने में दिलचस्पी जाहिर की है.

इन देशों में होता है भारत के ईवीएम मशीन का इस्तेमाल, यहां हो चुका बैन, आपको बता दें कि वर्तमान में लगभग 24 देश अपने यहां चुनावों में ईवीएम का इस्तेमाल करते हैं. इनमें से कई देशों में यह पायलट फेज में हैं.

चुनाव में ईवीएम मशीन इस्तेमाल करने वाले देशों में ब्राजील, नॉर्वे, वेनेजुएला, भारत, कनाडा, बेल्जियम, रोमानिया, ऑस्ट्रेलिया, इटली, आयरलैंड, यूरोपीय संघ और फ्रांस जैसे कुछ देश शामिल है. हालांकि इनमें से कुछ देशों में अब ईवीएम पर बैन है और वे बैलेट पेपर पर वापस लौट गए हैं.

वहीं भारत में बने ईवीएम मशीन को खरीदने वाले देशों में नेपाल, नामीबिया, केन्या और भूटान शामिल है. इनके अलावा श्रीलंका, बांग्लादेश, साउथ अफ्रीका, रूस, नाइजेरिया, घाना और मलेशिया ने भी भारत में बने ईवीएम को लेकर रुच‍ि जाहिर की है.

वहीं भारतीय ईवीएम को लेकर विवाद भी हो चुका है. भारत में ईवीएम पर सवाल उठने के बाद हीरों के भंडार के लिए बोत्सवाना में भी विवाद हो गया था. भारत के ईवीएम को यहां अक्टूबर 2019 के आम चुनाव में आजमाने की बात चल रही है, लेकिन वहां के विपक्षी दलों का कहना है कि ईवीएम से छेड़छाड़ कर सत्ताधारी दल नतीजे अपने पक्ष में कर सकता है.

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का इस्तेमाल कई देशों ने शुरू किया था. लेकिन कई देशों में सिक्योरिटी और एक्यूरेसी को लेकर इन मशीनों पर सवाल उठने लगे.

Image result for भारत की EVM मशीन पर लग गया है प्रतिबन्ध, मचा हडकंप

2006 में ईवीएम का इस्तेमाल करने वाले सबसे पुराने देशों में शामिल नीदरलैंड ने इस पर बैन लगा दिया . 2009 में पारदर्शिता के लिहाज से जर्मनी की सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम को असंवैधानिक बताते हुए बैन लगा दिया था. आयरलैण्ड में भी ईवीएम बैन है.

अमेरिका और इंग्लैंड जैसे आधुनिक देश भी ईवीएम का इस्तेमाल नहीं करते हैं.

भारत में दो जगह ईवीएम का निर्माण होता है. एक बेंगलुरु के भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड (Bharat Electronics Ltd, BEL) और दूसरा हैदराबाद के इलेक्ट्रॉनिक कॉर्प ऑफ इंडिया ( Electronics Corp of India Ltd ECIL) में.

Image result for भारत की EVM मशीन पर लग गया है प्रतिबन्ध, मचा हडकंप

आपको बता दें कि अब चुनाव आयोग ने ईवीएम का नया वर्जन मार्क 3 भी लॉन्च कर‍ दिया है. 2019 में इसी के जरिए चुनाव कराए जाने की संभावना है. चुनाव आयोग का कहना है कि छेड़छाड़ प्रूफ इस ईवीएम में कई खूब‍ियां हैं.

नए ईवीएम में 24 बैलेट यूनिट और 384 कैंडिडेट की जानकारी सेव की जा सकती है. नवंबर 1998 में मध्‍य प्रदेश, राजस्‍थान और नई दिल्‍ली के कुछ सेंटरों पर ईवीएम का पहली बार इस्‍तेमाल हुआ था. ईवीएम के पहले वर्जन मार्क 1 को 1989 से 2006 के बीच तैयार किया और इस्तेमाल किया गया.

दूसरे वर्जन मार्क 2 को 2006 से 2012 के बीच तैयार और इस्तेमाल किया गया. इसमें रियल टाइम क्‍लॉक और डायनमिक कोडिंग जैसे फीचर को शामिल किया गया था.

Image result for भारत की EVM मशीन पर लग गया है प्रतिबन्ध, मचा हडकंप

आपको बता दें कि पिछले साल मध्यप्रदेश के भिंड ज़िले के अटेर में ईवीएम मशीन के डेमो के दौरान किसी भी बटन को दबाने पर वीवीपैट पर्चा भारतीय जनता पार्टी का निकलने के बाद ज़िले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को हटा दिया गया था.

इसके बाद ईवीएम को लेकर विवाद और बढ़ गया था. वहीं हाल में हुए कई चुनावों में विपक्षी पार्ट‍ियों ने ईवीएम पर सवाल उठाए थे.

वहीं ईवीएम पर सवाल उठाने वालों की लिस्ट में बीजेपी सबसे आगे है. 2009 में जब भारतीय जनता पार्टी को चुनावी हार का सामना करना पड़ा, तब पार्टी के नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने सबसे पहले ईवीएम पर सवाल उठाए थे. वहीं पार्टी के प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने इस पर एक किताब भी लिखी है- ‘डेमोक्रेसी एट रिस्क, कैन वी ट्रस्ट ऑर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन?’ वहीं सुब्रमण्यम स्वामी भी ईवीएम का विरोध करते आए हैं.

ऐसा भी नहीं है कि सिर्फ हारने वाली पार्ट‍ियों ने ईवीएम पर सवाल उठाए हैं. पश्च‍िम बंगाल में लोकसभा और विधानसभा चुनावों में शानदार जीत दर्ज करने वाली टीएमसी इस बार ईवीएम के ख‍िलाफ विरोध को लीड कर रही है. बिहार विधानसभा के चुनाव में नंबर एक पार्टी बनने वाली आरजेडी भी ईवीएम के खिलाफ खड़ी है. आम आदमी पार्टी भी ईवीएम पर सवाल उठा चुकी है.

ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने भी ईवीएम का इस्तेमाल वीवीपैट के साथ करने का आदेश दिया है. हालांकि इस प्रोसेस में 3000 करोड़ से ज्यादा खर्च होने की बात कही जा रही है. वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल होने से ईवीएम पर उठने वाले कई सवालों का भी अंत हो जाएगा और वोटों की रिकाउंट‍िंग हो सकेगी.

आयोग ने आश्वासन दिया है कि बजट मिलने पर वह 2019 में चुनाव में पूरी तरह वीवीपैट का इस्तेमाल करेगा. आपको बता दें कि 2014 में देशभर में 930,000 मतदान केन्द्रों में 14 लाख ईवीएम का इस्तेमाल किया गया था.

Leave a Reply

Top