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अगर करना है 50,000 रुपए से अधिक का लेनदेन, तो दिखाने होंगे यह दस्तावेज़

now you have to show original documents with photocopy if you are doing large transaction

अबसे आप अगर कोई बड़ा लेन-देन करते हैं तो आपको ऑरिजनल पहचान पत्र भी दिखाना होगा सिर्फ फोटोकॉपी से काम नहीं चलेगा. सरकार ने निर्देश दिया है कि एक निश्चित सीमा से अधिक का लेन-देन करने वाले लोगों के मूल पहचान दस्तावेजों का उसकी कॉपीज से मिलाया जाए. इसके पीछे सरकार का उद्देश्य जाली या धोखाधड़ी कर बनाए गए दस्तावेजों के इस्तेमाल की संभावना को खत्म करना है. वित्त मंत्रालय के तहत राजस्व विभाग ने गजट अधिसूचना जारी कर मनी लॉन्ड्रिंग रोधक (रिकॉर्ड रखरखाव) नियमों में संशोधन किए हैं.

नए नियमों के तहत रिपोर्ट करने वाली इकाई को ग्राहकों द्वारा दिए गए आधिकारिक रूप से वैध दस्तावेज को ऑरिजनल और उसकी कॉपी के साथ मिलाना होगा. मनी लांड्रिंग रोधक कानून (पीएमएलए) देश में मनी लॉन्ड्रिंग और कालेधन के सृजन पर अंकुश लगाने का प्रमुख कानूनी ढांचा है.

पीएमएलए और इसके नियमों के तहत बैंकों, वित्तीय संस्थानों और अन्य बाजार इकाइयों के लिए अपने ग्राहकों की पहचान का सत्यापन करना, रिकॉर्ड रखना और भारत की वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू-आईएनडी) को सूचना देना जरूरी है. नियम 9 के तहत प्रत्येक रिपोर्टिंग इकाई को किसी के साथ खाता आधारित संबंध शुरू करते समय अपने ग्राहकों और उनकी पहचान का सत्यापन करना और कारोबारी संबंध के उद्देश्य और प्रकृति के बारे में सूचना प्राप्त करना जरूरी है.

शेयर ब्रोकर, चिट फंड कंपनियां, सहकारी बैंक, आवास वित्त संस्थान और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को भी रिपोर्टिंग इकाई के रूप में वर्गीकृत किया गया है. रिपोर्टिंग इकाइयों को खाता खोलने वाले किसी व्यक्ति या 50,000 रुपये से अधिक का लेन-देन करने वालों से बायोमेट्रिक पहचान नंबर आधार और अन्य आधिकारिक दस्तावेज लेना जरूरी है. इसी तरह की अनिवार्यता 10 लाख रुपये से अधिक के नकद सौदे या उतने ही मूल्य के विदेशी मुद्रा सौदे के लिए भी है.

रिपोर्टिंग नियमों के अनुसार पांच लाख रुपये से अधिक के विदेशी मुद्रा के सीमापार लेन-देन और 50 लाख रुपये या उससे अधिक मूल्य की अचल संपत्ति की खरीद भी इसी श्रेणी में आती है. गजट अधिसूचना में कहा गया है कि यदि आधिकारिक रूप से दिए गए वैध दस्तावेज में नया पता शामिल नहीं है तो बिजली, टेलिफोन बिल, पोस्टपेड मोबाइल बिल, पाइप गैस का बिल या बिजली का बिल पते के प्रमाण के रूप में दिया जा सकता है.हालांकि, ये बिल दो महीने से अधिक पुराने नहीं होने चाहिए.

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