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आरबीआई ने इस बैंक पर लगाई पाबंदी, अब एक दिन में इस बैंक के खाताधारक निकाल पायेंगे केवल इतने रुपये


घोटाले के आरोपों से घिरे और आर्थिक संकट का सामना कर रहे पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक (PMC Bank) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। आरबीआई ने PMC Bank पर लगाई गई पाबंदियों को एक बार फिर 31 मार्च, 2021 तक के लिए बढ़ा दिया है।

हालांकि, बैंक के लिए अच्छी खबर यह है कि इसके रिकंस्ट्रक्शन और इसमें इक्विटी इंवेस्टमेंट यानी हिस्सेदारी खरीदने के लिए अब तक 4 एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट (EoI) प्राप्त हुए हैं। हालांकि, आरबीआई ने अभी यह नहीं बताया है कि किन कंपनियों या निवेशकों ने PMC बैंक में हिस्सेदारी खरीदने के लिए EoI जमा किया है।

आरबीआई ने कहा, PMC Bank ने इच्छुक निवेशकों से इक्विटी इंवेस्टमेंट यानी हिस्सेदारी खरीदने के लिए प्रस्ताव मांगे थे। इच्छुक निवेशकों से बैंक के रिवाइवल के लिए 15 दिसंबर तक EOIs जमा कराने को कहा गया था।

इसमें 4 निवेखों ने दिलचस्पी दिखाई है। अब बैंक जमाकर्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए इन प्रस्तावों की व्यवहारिकता का अध्ययन करेगा और चुने गए कंपनियों और निवेशकों को बैंक को खरीदने की बोली यानी बिडिंग प्रक्रिया (Bidding process) में शामिल किया जाएगा।

बैंक को बोर्ड को भंग कर दिया था

आपको बता दें कि लोन संबंधी घोखाधड़ी और घोटाले में बैंक के कई सीनियर कर्मचारियों के संलिप्त पाए जाने के बाद आरबीआई ने एक साल पहले सितंबर महीने में बैंक से पैसे निकालने पर रोक लगा दी थी और बैंक को बोर्ड को भंग कर दिया था। बैंक में कई वित्तीय अनियमितताएं सामने आई थीं। साथ ही बैंक द्वारा रियल एस्टेट कंपनी HDIL को दिए गए लोन की सही जानकारी नहीं दी गई थी और इसमें भी घोटाले के आरोप हैं।

आरबीआई ने नियुक्त किया प्रशासक

आरबीआई ने 20 जून को जमाकर्ताओं के लिए कैश विड्रॉअल की सीमा को 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया था। हालांकि, घोटाले का शिकार बने इस सहकारी बैंक पर नियामकीय अंकुश (Regulatory Restrictions) छह महीने के लिए बढ़ाकर 22 दिसंबर, 2020 तक कर दिया था। इससे पहले रिजर्व बैंक ने पांच जून, 2019 को निकासी की सीमा प्रति जमाकर्ता बढ़ाकर 50,000 रुपये की थी। वहीं, 23 सितंबर को आरबीआई ने कहा कि व्यापक स्तर पर घाटा और डिपोजिट में कमी PMC Bank के पुनरुद्धार के रास्ते में बाधा हैं। साथ ही आरबीआई ने बैंक के लिए यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व महाप्रबंधक एके दीक्षित को नया प्रशासक नियुक्त कर दिया।

ये है पूरा मामला

PMC Bank ने अवैध तरीके से HDIL ग्रुप को 6500 करोड़ रुपये  लोन दिया था, जो सितंबर 2019 में बैंक के टोटल लोन बुक साइज 8880 करोड़ रुपये का का 73% था।  मार्च, 2019 में बैंक का डिपोजिट बेस 11,617 करोड़ रुपये था। यह घोटाला उजागर होने के बाद PMC Bank के पूर्व एमडी जॉय थॉमस (Joy Thomas) और पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह (Waryam Singh) को पिछले साल अक्टूबर में मुंबई की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (Economic Offences Wing- EOW) ने गिरफ्तार कर लिया था। इनके अलावा बैंक के और भी कई सीनियर अधिकारियों को गिरप्तार किया गया था।

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