अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में दो छात्र गुटों के बीच में मारपीट होने के कारण इसको राजनीतिक मुद्दा बताया गया जिसके कारण एएमयू के छात्र नाराज़ हो गए और शुक्रवार के दिन एकता मार्च किया। छात्रों ने यह भी कहा कि हिन्दू-मुस्लिम छात्र एक हैं और दो जिस्म एक जान की तरह हैं। छात्रों ने यह भी बताया कि अबसे अगर कोई विवाद होता है तो उसे आपस में सुलझा लेंगे. नेताओं को दख़ल नहीं देना चाहिए. इससे एएमयू की बदनामी होती है।
जुमे की नमाज के बाद छात्रसंघ अध्यक्ष फैजुल हसन, उपाध्यक्ष नदीम अंसारी, सचिव नबील उस्मानी के नेतृत्व में छात्रों ने मौलाना आजाद लाइब्रेरी से बॉबे सैयद तक मार्च निकाला। अध्यक्ष फैजुल ने कहा कि एएमयू में सभी धमरें के छात्र पढ़ते हैं। छात्रों के बीच आपसी विवाद होते हैं, कार्रवाई भी होती है। गुरुवार को फिजिक्स डिपार्टमेंट के छात्रों के बीच हुए विवाद में भी इंतजामिया ने आरोपी तीन छात्रों को कारण बताओ नोटिस दिया है। इसे साप्रदायिक रंग न दिया जाए। उपाध्यक्ष ने कहा कि यहां छात्र मिलजुल कर रहते हैं, बदनाम करना गलत है।
एमए की छात्रा कल्पना ने कहा कि एएमयू में उन्हें काफी समय बीत चुका है, लेकिन सांप्रदायिकता का माहौल देखने को नहीं मिला।
छात्र समरधी ने कहा कि एएमयू सबके लिए है, कोई भेदभाव नहीं होता। नितिन गुप्ता ने कहा कि एएमयू देश और समाज की उत्कृष्ट सेवाओं में आगे आ रही है, ये बात कुछ असामाजिक तत्वों को पचती नहीं है। इस संस्था को निशाना बनाया जा रहा है। ज्योति भास्कर ने कहा कि जो लोग एएमयू का विरोध करते हैं, वे पहले यहां आएं और समझें तब कुछ बोलें। अबु फराह शाजली ने कहा कि छात्रसंघ का चुनाव तक यहां राजनीतिक दलों के हस्तक्षेप से दूर होता है। हमारी सौ साल से अधिक पुरानी सभ्यता है। किसी भी तरह सांप्रदायिकता का आरोप लगाना गलत है।
All right
Unity is the identity of AMU. Long live identity.
Regards
Jawed Akhtar