कालाधन पर रोक लगाने के साथ सत्ता में आई मोदी सरकार पर एक आरटीआई में पूछे गए सवालों ने मोदी सरकार पर कई सवालिया निशान खड़े कर रही है. नोटबंदी को लेकर विपक्ष के कठघरे में खड़ी भाजपा सरकार इस खुलासे के बाद और घिर सकती है.
आरटीआई के मुताबिक मोदी सरकार ने पिछले ढाई सालों के भीतर अपने प्रचार-प्रसार पर 11 अरब रुपए से ज्यादा खर्च किए हैं.
आरटीआई से इन्होने मांगा था जवाब. ग्रेटर नोएडा के आरटीआई एक्टिविस्ट रामवीर तंवर ने 29 अगस्त 2016 को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से सूचना के अधिकार के ज़रिए पूछा था कि केंद्र में प्रधानमंत्री मोदी ने सरकार बनाने से लेकरअगस्त 2016 तक विज्ञापन पर कितना सरकारी पैसा खर्च किया था.