आप यहाँ पर हैं
होम > इंडिया (India) > डॉक्टर कफील ने जेल से लिख डाला ऐसा खत कि एक साथ कई अपराधियों का हो गया पर्दाफाश

डॉक्टर कफील ने जेल से लिख डाला ऐसा खत कि एक साथ कई अपराधियों का हो गया पर्दाफाश

आप सब गोरखपुर के बाबा राघव दास अस्पताल हादसे के बारे में तो जानते ही होंगे। इस हादसे में कुल 33 मासूम बच्चों की मौत हो गई थी.

dr kafeel डॉक्टर कफील writes letter

आपको बता दें कि इस हादसे के दौरान डॉक्टर कफील खान जो कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विषेशज्ञ और इन्सेफ़्लइटिस वार्ड के हेड हैं काफी चर्चा में थे.

योगी सरकार ने डॉक्टर कफील को पुरस्कार देने के बजाय डाला जेल में

Image result for dr kafeel

आपको बता दें कि डॉक्टर काफील खान ने इस पूरे हादसे के दौरान किसी हीरो की तरह काम किया था और उन्होंने खुद अपने पैसों से ऑक्सीजन सिलिंडर मंगावाया था और बच्चों के जान भी बचाई थी. किसी ने अगर ऐसा इंसानियत का काम किया हो तो उसे इनाम मिलना चाहिए। लेकिन योगी सरकार ने उन्हें इनाम देने के बचाय इस मामले में दोषी बताते हुए जेल में डाल दिया।

आपको हम यह बात साफ़ तौर से बता देना चाहते हैं कि इस मामले में डॉ कफील पिछले 8 महीने से जेल में बंद हैं. आपको बता दें कि जेल में रहते हुए डॉ कफील ने योगी सरकार और केंद्र की मोदी सरकार को ऐसा खत लिख डाला कि पढ़ने वालों की आँखों से आंसू जारी हो गये.

डॉक्टर कफील ने जेल में रहते हुए लिखा बहुत ही भावुक ख़त

Image result for dr kafeel

हम आपको बता दें कि डॉ कफील ने 18 अप्रैल को जेल में खत कुछ इस तरह लिखा,’मैं पिछले आठ महीनों से जेल में हूँ और यातना और अपमान सेह रहा हूँ लेकिन फिर भी आज मुझे सब कुछ याद है. कभी-कभी तो मैं खुद से सवाल पूछ लेता हूँ कि क्या मैं सच में दोषी हूँ लेकिन फिर मेरे मन से जवाब आता है नहीं, नहीं, नहीं।’

उन्होंने अपने खत में यह भी लिखा,’मैंने उन सभी बच्चों को बचाने की पूरी कोशिश की जिनको ऑक्सीजन की कमी की वजह से जान जाने का खतरा था. मैंने सबको फ़ोन भी किया, लोगों से विनती भी की, मैं भगा, मैंने गाड़ी चलाई, मैंने ऑक्सीजन सिलिंडर भी मंगवाया, मैंने हर वह काम किया जिससे इन मासूम बच्चों की जान बच सके.’

डॉ कफील ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर लगाए बेहद गंभीर आरोप

उन्होंने खत के जरिये लोगों को बताया कि,’जैसे ही यह हादसा हुआ वैसे ही हमारे घर पुलिस आने लगी और टॉर्चर करने के साथ मेरे परिवार को धमकी भी देने लगी. लोगों ने मुझसे यह भी कहा कि पुलिस मुझे एनकाउंटर में मरवा सकती है. मेरा परिवार पूरी तरह से डर गया. मैंने अपने परिवार को बचाने के लिए सरेंडर कर दिया और मन में सोचा कि मैंने कुछ गलत नहीं किया है और मुझे न्याय मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. तकरीबन एक साल हो गया, कई त्यौहार आये और गए लेकिन मुझे अभी तक न्याय नहीं मिला.’

उन्होंने ख़त में यह भी लिखा,’मुझे अब ऐसा लगता है कि न्यायपालिका भी दबाव में काम कर रही है. जिंदगी सिर्फ मेरे लिए ही नहीं बल्कि मेरे परिवार के लिए भी नरक की तरह हो गई है. न्याय के लिए मेरा परिवार एक जगह से दूसरी जगह भाग रहा है लेकिन न्याय नहीं मिल रहा है. पुलिस स्टेशन, कोर्ट, गोरखपुर, इलाहाबाद जाना बेकार हुआ क्योंकि इसका कोई फायदा नहीं मिल रहा है. यहाँ तक कि मैं अपनी बेटी का पहला जन्मदिन भी नहीं मना सका. अब मेरी बेटी तकरीबन एक साल और सात महीने की हो गई है.’

Leave a Reply

Top