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एक बहुत चौकाने वाली ख़बर, 15 लाख रुपये से ज़्यादा कैश रखने पर लग सकती है रोक

restriction on keeping cash above 15 lakhs

नई दिल्ली। 500 और 1000 के नोट अब नहीं चल रहे हैं जिसकी वजह से जिन लोगों के पास काला धन है उन लोगों के होश उड़ गए हैं। आने वाले दिनों में ऐसे लोगों पर और सख्ती की जा सकती है।

सरकार को अगर कालेधन की जांच कर रही एसआइटी की सिफारिश रास आयी तो सरकार हर व्यक्ति के पास कितनी नकदी होनी चाहिए, इसकी सीमा भी तय कर सकती है। एसआइटी के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एम बी शाह और उपाध्यक्ष व उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्ति न्यायाधीश अरिजीत पसायत ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को संयुक्त पत्र लिखकर कहा है कि अगर नकदी रखने की सीमा तय नहीं की गई तो नोट पाबंदी का सरकार के फैसले का कोई असर नहीं होगा। कुछ दिनों के बाद फिर से लोग काला धन जमा करने लगेंगे।

एसआइटी अध्यक्ष व उपाध्यक्ष ने अपने पत्र में हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया है कि नकदी रखने की अधिकतम सीमा कितनी हो लेकिन माना जा रहा है कि यह सीमा 15 लाख रुपये तय की जा सकती है। असल में एसआइटी ने जुलाई में वित्त मंत्रालय को सौंपी अपनी पांचवी रिपोर्ट में 15 लाख रुपये से अधिक कैश रखने के लिए आयकर आयुक्त की अनुमति लेनी की सिफारिश की थी। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार नकदी रखने की सीमा इतनी तय कर सकती है। ऐसा होने पर कोई भी व्यक्ति अपने पास 15 लाख रुपये से अधिक नकदी नहीं रख पाएगा।

एसआइटी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का कहना है कि सरकार अगर नकदी रखने की सीमा तय नहीं करती तो लोग फिर से कालाधन जमा करने लगेंगे। 2000 रुपये का नया नोट आने से कालाधन जमा करने में उन्हें सहूलियत मिलेगी।

एसआइटी के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने मोदी सरकार के 500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करने के फैसले की सराहना भी की है। उनका कहना है कि सरकार का यह कदम सही दिशा में है। साथ ही उन्होंने सरकार को यह सुनिश्चित करने की सलाह भी दी है कि लोग अपने कालेधन को सफेद न कर पाएं और न ही आगे चलकर कालाधन जमा कर पाएं। उन्होंने वित्त मंत्री से कहा है कि आयकर विभाग और वित्तीय खुफिया इकाइ (एफआइयू) को स्पष्टत: निर्देश जारी किए जाएं कि किसी भी व्यक्ति के खाते में अगर एक निश्चित सीमा से अधिक राशि जमा हो रही है तो उसकी जांच की जाए। एसआइटी के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष ने सरकार को यह सुनिश्चित करने को भी कहा है कि कालाधन रखने वाले लोग कहीं गरीबों का इस्तेमाल कर अपनी काली कमाई को सफेद न कर लें। मीडिया खबरों का संज्ञान लेते हुए उन्होंने कालाधन लेकर सोना बेच रहे ज्वैलर्स से ग्राहकों के पैन कार्ड मांगने का सुझाव भी दिया है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी एसआइटी कालेधन पर लगाम लगाने को कई सिफारिशें कर चुकी है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट की सिफारिश पर एसआइटी का गठन मई 2014 में किया था।

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