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भारत को सवतंत्र करने में देवबंद के मुसलामानों की थी अहेम भूमिका, देखें वीडियो

muslims of darul uloom deoband played an important role in freedom of india

जबसे बीजेपी उत्तर प्रदेश में जीती है तबसे विकास की कोई बात नहीं हो रही है बल्कि ऐसे ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिससे आम जनता बेहद परेशान है और समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुँचाने की भरपूर कोशिश की जा रही है। जबसे उत्तर प्रदेश में बीजेपी जीती है और योगी राज आया है तबसे लोगों के अंदर एक दर पैदा हो गया है।

 

मेरठ में योगी आदित्यनाथ के नाम पर मुस्लिम महिलाओं को एक योगी भक्त धमकियाँ देने पर तुला हुआ था। सिर्फ धमकियाँ ही नहीं बल्कि ऐसी-ऐसी भद्दी गालियाँ भी दे रहा था और पुलिस सामने होने के बावजूद भी उसको रोक नहीं पा रही थी। हैरानी की बात तो यह है कि एक छोटा सा विवाद होने के कारण कुछ महिलाओं में झगड़ा हो गया था और एक महिला की गुंडागर्दी इतनी ज्यादा थी कि वह पुलिस के सामने ही मुस्लिम महिलाओं की पिटाई कर रही थी। इसके अलावा वह योगी भक्त उन मुस्लिम महिलाओं को गालियाँ बक रहा था। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद मुस्लिम समुदाय के अंदर भय पैदा करने की कोशिश की जा रही है।

इसके अलावा देवबंद शहर में जगह-जगह ऐसे पोस्टर लगा दिए है जिसमें भाजपा की जीत पर वहां की जनता को आभार व्यक्त किया जा रहा है लेकिन शहर का नाम देवबंद की जगह देववृंद लिखा गया है। सबसे पहली बात तो यह है कि, देवबंद एक बहु मुस्लिम इलाका है लेकिन यह हैरानी की बात ये है कि, यहाँ पर भाजपा किस तरह से जीत गई? यह अभी तक किसी के समझ में भी नहीं आ रहा है।

 

 इसलिए ही तो मायावती ने यह सवाल उठाया था कि जहाँ पर हम हमेशा जीतते आये है लेकिन इस बार ईवीएम में घोटाला करके बहु मुस्लिम इलाके में भी भाजपा ने जीत हासिल की है। हमारे देश की पहचान इसमें है कि, आजादी से पहले सभी समुदाय ने अपनी तरफ से कुर्बानियां दी थी, इसलिए हमेशा से हम साथ ही रह रहे है। लेकिन आरएसएस विचारधारा के लोग इस एकता और अखंडता में खलल पैदा करना चाहते है। इसलिए ही तो इस तरह की हरकतें अंजाम देने की कोशिश कर रहे है। हालाँकि, अभी तक देवबंद के मुसलमानों को यह बात समझ में नहीं आई है कि, आखिर देवबंद को अगर देववृंद कर दिया जायेगा तो इससे शहर पर क्या फर्क पड़ने वाला है।

इसके अलावा देवबंद के उलेमाओं की एक और हकीक़त यह है कि यहाँ के उलेमाओं ने आजादी में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। देवबंद के लोगों ने बताया कि जब पाकिस्तान बनने जा रहा था तब सबसे पहले पाकिस्तान न बनाने का विरोध भी दारुल उलूम देवबंद ने ही किया था। लेकिन जिन उलेमाओं ने इस देश के लिए कुर्बानी दी थी उनका अपमान करके इसका नाम बदलने की साजिशें रची जा रही है। आज तक चैनल ने दिखाया है कि, दारुल उलूम देवबंद के उलेमाओं ने किस तरह से आजादी के समय अपनी कुर्बानियां दी थी।

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