लखनऊ: आज के दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लखनऊ में अपने जीवनकाल की सबसे बड़ी रैली को संबोधित किया जिसमे उन्होंने विपक्षी दलों पर निशाना साधा और उनकी बखिया उधेड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी और उन्होंने विपक्षी दलों की बेइज़्ज़ति हर तरह से की.
लाखों की भीड़ की वजह से बेहद उत्साहित नज़र आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक-एक कर बिना नाम लिए कांग्रेस (एक दल ऐसा है, जो 15 साल से अपने बेटे को प्रतिष्ठापित करने की कोशिश कर रहा है), पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की बहुजन समाज पार्टी (एक दल पूरी तरह अपने काले धन को बचाने में, बैंकों में जमा कराने में लगा हुआ है) तथा उत्तर प्रदेश में सत्तासीन समाजवादी पार्टी (एक दल पूरी ताकत परिवार के भविष्य को बचाने में लगाए हुए है) की आलोचना की. नवंबर में अचानक की गई अपनी नोटबंदी की कार्रवाई की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा, “सभी विपक्षी दल ‘मोदी हटाओ’ की कोशिश में लगे हुए हैं, जबकि मैं भ्रष्टाचार और काला धन हटाने में लगा हुआ हूं…”
कांग्रेस के मनीष तिवारी ने इस भाषण पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “प्रधानमंत्री यह कहना भूल गए कि एक ऐसा दल भी है, जो देश को धर्म और जाति के आधार पर बांट रहा है…”
उधर, चार बार उत्तर प्रदेश की सत्ता संभाल चुकीं मायावती भी इस बात का खंडन कर चुकी हैं कि उनकी पार्टी से जुड़े बैंक खातों में जमा हुई 100 करोड़ रुपये से ज़्यादा की रकम काला धन है. कांग्रेस की हालत राज्य में बहुत अच्छी नहीं लग रही है, और सत्तासीन समाजवादी पार्टी इस वक्त पिता-पुत्र के बीच जारी जंग में व्यस्त है, जहां मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने पिता मुलायम सिंह यादव को दरकिनार करते हुए पार्टी अध्यक्ष होने की घोषणा कर दी है, और मुलायम ने इस कदम को ‘असंवैधानिक’ करार दिया है.
प्रधानमंत्री ने सभी विपक्षी दलों की खिंचाई करने के बाद कहा, “उत्तर प्रदेश के लिए एक ही विकल्प है… और वह विकल्प है बीजेपी…” उन्होंने अपनी पार्टी के 14 साल से प्रदेश में सत्ता से दूर होने की तुलना वनवास से करते हुए कहा, ‘यह बीजेपी का वनवास नहीं, विकास का वनवास रहा,’ और यह जल्द ही पलट सकता है, अगर ‘आप लोग हमें एक मौका दें…’