पटना: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अक्टूबर 2015 के विधानसभा चुनाव में बिहार को 1.25 लाख करोड़ रुपये देने का वादा किया था. जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वादा किया था तब काफी विवाद हुआ था. कई लोगों ने यह कहा था कि मोदी चुनाव जीतने के लिए ऐसा कर रहे हैं. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ और बीजेपी हार गई. हैरानी की बात यह है कि 2017-18 आम बजट में भी इसके बारे में कोई बात नहीं की गई.
मुंबई के आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने दिसंबर 2016 में केंद्रीय वित्त मंत्रालय से मोदी द्वारा विभिन्न राज्यों को दिए गए वित्तीय सहायता या डेवलपमेंट पैकेज के आश्वासन के बारे में जानकारी मांगी थी. उन्होंने यह भी पूछा कि जो आश्वासन दिए गए थे, उनमें से अभी तक कितना पूरा किया गया है.
हालांकि, वित्त मंत्रालय के उप निदेशक आनंद परमार ने इस आरटीआई का सीधा उत्तर देने की बजाए गोलमोल जवाब देकर स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की. गलगली ने कहा, “18 अगस्त 2015 को प्रधानमंत्री ने बिहार के लिए 1,25,003 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की घोषणा की थी. लेकिन, परमार के संक्षिप्त उत्तर में कहा गया है कि ‘परियोजनाओं/कार्यों को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा’, हालांकि आज तक कोई पैसा जारी नहीं किया गया है.”
गलगली ने कहा, “यह शर्मनाक है कि बिहार को यह आश्वासन किसी और ने नहीं बल्कि देश के प्रधानमंत्री ने दिया था. लेकिन, डेढ़ साल गुजरने के बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.”
गलगली ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा, “सत्ताधारी भाजपा द्वारा 125 करोड़ भारतीय आबादी को इतने सारे ‘जुमले’ दिखाए गए हैं. लेकिन, सरकार के अपने आंकड़े उनके बड़े-बड़े दावों को झुठलाते हैं, इसलिए उन्हें गंभीरता से कैसे लिया जा सकता है.”
कुछ इस अंदाज में की थी घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर, 2015 में विधानसभा चुनाव के दौरान बिहार में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए अपने खास अंदाज में कहा था, बिहार के लिए 70 हजार, 80 हजार, 90 हजार करोड़ दूं या ज्यादा दूं. चलो सवा लाख करोड़ देता हूं. हालांकि पीएम मोदी की ओर से किये गये इस घोषणा के तरीके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत अन्य दलों के नेताओं ने गंभीर सवाल उठाए थे.